युवक के शव को पकड़कर रोते परिजनभिलाई के हथखोज एरिया में एक छोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से एक युवक की मौत हो गई। लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला में परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मामले की सूचना पाकर पुरानी भिलाई पुलिस और सुपेला थाने की पुलिस अस्पताल पहुंची। मौत की खबर मिलने के बाद.जिस युवक की मौत हुई है उसकी पहचान जितेंद्र पाण्डेय पिता प्रकाश पाण्डेय (23 साल) के रूप में हुई है। वो शीतला पारा हथखोज में रहता था। वो पेशे ट्रक ड्राइवर था।
उसके पिता प्रकाश शिवालिक इंजीनियरिंग में काम करते हैं।अस्पताल के बाहर बैठकर रोती मां और बेटीजितेंद्र घर में अकेला बेटा है। उसकी एक छोटी बहन निधि है। निधि ने बताया कि उसका भाई ट्रक चलाता है। वो दो दिन पहले ट्रक लेकर आया था। रायपुर में रुका और फोन किया कि उसकी तबीयत खराब है।
इस पर उन लोगों ने उसे घर बुला लिया। घर आने पर उसने एक एनर्जी ड्रिंक पिया और सो गया।इसके बाद भी जब उसकी तबीयत ठीक नहीं हुई तो परिजनों ने मोहल्ले के झोलाछाप डॉक्टर सत्येंद्र शर्मा को बुला लिया। उसने जितेंद्र को देखा और बोला कि उसे गर्मी हो गई है।
101 डिग्री बुखार है। उसने उसे तीन इंजेक्शन लगाया और बोला कि अगर ठीक नहीं हुई तो बोतल चढ़ानी पड़ेगी।डॉक्टर के जाते ही जितेंद्र की तबीयत अचानक बिगड़ गई। वो बाथरूम गया और वहीं बेहोश होकर गिर गया। घरवाले आनन-फानन में उसे सुपेला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
बाद में पुलिस ने उन्हें शांत कराया।बिना डिग्री प्रैक्टिस कर रहा था डॉक्टरइलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टर सतेंद्र शर्मा ने बताया कि उसके पास इलाज करने की कोई डिग्री नहीं है। वो दूसरे यहां इलाज करते करते सीख गया। उसने बताया कि उसने जितेंद्र को पैरासीटामाल के दो इंजेक्शन लगाए थे और कुछ नहीं किया। घटना के बाद से डॉक्टर फरार है। पुलिस उसका पता लगा रही है।