सरप्राइज़ चेंकिग के ज़रिए एक क्विंटल गांजा भरे हुए कार पर दी गई दबिश
एक क्विंटल गांजा को दीगर प्रांत उडीसा से राजस्थान ले जाता हुआ एक गांजा तस्कर चढ़ा रतनपुर पुलिस के हत्थे
गिरफतार आरोपी-
राजेश शर्मा पिता सोमदास शर्मा उम्र 38 साल साकिन धीरजपुरा खेतडी थाना मोहाणा जिला निमका राजस्थान*
जप्त मशरूका
विवरण – इस प्रकार है कि हाल ही मे गृह मंत्री छ ग शासन द्वारा बिलासपुर प्रवास के दौरान अवैध नशे के विरूद्ध अभियान हेतु निर्देश दिया गया था , इसके परिपालन में बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के द्वारा जिले के सभी राजपत्रित अधिकारियो को अवैध नशे के कारोबारियो पर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया ।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमती अर्चना झा के मार्गदर्शन व अनुविभागीय अधिकारी कोटा श्रीमती नुपुर उपाध्याय के नेतृत्व में थाना रतनपुर प्रभारी रजनीश सिंह द्वारा समय समय पर सरप्राइज़ चेंकिग लगाकर वाहनों की चेकिग किया जा रहा था ।
वरिष्ठ अधिकारियो के द्वारा सरप्राइज़ चेकिग का पाईट मिलने पर थाना प्रभारी रतनपुर रजनीश सिंह के द्वारा गौरेला पेंड्रा मार्ग फारेस्ट बेरियर रतनपुर के पास बेरिकेट लगाकर वाहन चेकिग किया जा रहा था उसी दौरान बिलासपुर मार्ग से एक दीगर राज्य पासिंग वाहन कार क्रमांक HR 51 AM 8554 स्वीफ्ट सफेंद रंग का आया , चालक पुलिस को देखकर वाहन को तेज गति से आगे बढाया तथा गौरेला पेंड्रा मार्ग की ओर भागने लगा रतनपुर पुलिस द्वारा संदेह पर त्वरित पीछा और घेराबंदी किया गया ।वाहन चालक कार से उतरकर भागने लगा जिसे घेराबंदी कर पकड़ा गया जिसे पूछताछ तथा कार की तलासी लेने पर कार में खाकी कलर के टेप में लपटा 21 पैकेट मादक पदार्थ गांजा कुल 101 कि.ग्रा. लगभग गांजा होना बताया , जिसे उडीसा से राजस्थान ले जाना स्वीकार किया हैं। किसी प्रकार का कोई दस्तावेज प्रस्तुत नही करने पर एनडीपीएस एक्ट के तहत विधिवत कार्यवाही की गई है।प्रकरण का END to END इन्वेस्टीगेशन कर इसमें संलिप्त सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी की जाएगी ।
1.मादक पदार्थ गांजा 21 पैकेट में कुल वजनी 101.7 कि.ग्रा.
2.घटना में प्रयुक्त एक सफेद रंग का स्वीफ्ट कार दीगर राज्य पासिग (HR 51 AM 8554)
3. घटना में प्रयुक्त तीन मोबाइल
कुल मशरूका 21 लाख रुपये
अपराध क्रमांक 585/2024 धारा 20 बी एनडीपीएस एक्ट
अधिकारी/कर्मचारी सराहनीय कार्य में शामील रहे – निरीक्षक रजनीश सिंह, उपनिरीक्षक मेलाराम कठोतिया , आरक्षक दुर्गेश प्रजापति, आरक्षक महेद्र नेताम का सराहनीय योगदान रहा।
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