प्रेस वार्ता के दौरान एटक के जनरल सेक्रेटी हरिनाथ सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने कार्पोरेट घरानो के हाथो में देश के कृषि ब्यस्था को सौपने के नियत

राजेन्द्र देवांगन
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कोरबा। केंद्र सरकार के कृषि बिल से मचे बवाल के बीच श्रमिक संगठन भी आन्दोलन में शामिल होकर अन्नदाताओ को समर्थन कर रहे है। 14 दिसंबर को घंटाघर में होने वाली आंदोलन को श्रमिक संगठन एटक समर्थन देते हुए अधिक से अधिक लोगो को जुड़ने की अपील की है।
उक्त बाते शनिवार को प्रेस क्लब तिलक भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान एटक के जनरल सेक्रेटी हरिनाथ सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने कार्पोरेट घरानो के हाथो में देश के कृषि ब्यस्था को सौपने के नियत

से ही पिछले महीनो में 3 काले कृषि बिल को संसद में बिना कोई चर्चा किये जबरन पास करावा लिया गया और आनन फानन में राष्ट्रपति से हस्ताक्षर करवाकर उसे कानून बना दिया गया। जो घोर किसान विरोधी है। जिसका विरोध किसानो द्वारा अलग अलग राज्यों में गत अक्टूबर 2020 से किया जा रहा था और अब दिल्ली में किसानो ने डेरा डालो घेरा डाला आंदोलन 2 सप्ताह से किए जा रहा है। इससे किसानो को न सिर्फ सरकार गुलाम बनना चाहती है बल्कि उनके जमीनों को कार्पोरेट घरानो को सौपने का सडयंत्र रच रही है। इस काले कानून के खिलाफ 14 दिसंबर को घंटा घर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जायेगा।

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