रायपुर 16 अगस्त 2024। अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ में 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया गया। जिसमें अचानकमार टाइगर रिज़र्व की तितलियों की जानकारी देने के लिए एक पांच सितारा होटल में अतिथियों को “बटरफ्लाइज ऑफ़ अचानकमार टाइगर रिजर्व : ए पॉकेट गाइड टू 69 फैमिलियर बटरफ्लाइज” नाम का ब्रोशर बांटा गया। आपको बता दें कि ब्रोसर में जिन तितलियों की तस्वीर लगायी गयी, दरअसल वो एआई तकनीक से ली गयी। नाम बटोरने के चक्कर में एआई का सहारा लिया गया और एआई से फोटो निकाल कर 69 तितलियों के फोटो छापे गए, जिनके रंग मूल तितलियों से सतप्रतिशत मेल नहीं खाते। ब्रोशर ने छत्तीसगढ़ वन विभाग का नाम डुबो दिया। जानकारी के अनुसार ऐसी ऐसी तितलियों की फोटो अचानकमार टाइगर रिजर्व की दिखाई गई है जो की अचानकमार तो क्या पूरे छत्तीसगढ़ में भी नहीं मिलती है।
इधर इस मामले में अचानकमार टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर यूआर गणेश ने कहा है कि
जिस ब्रोसर को लेकर विवाद की बात कही जा रही है, दरअसल वो कामर्शियलाइज नहीं है और ना ही उसका कहीं इस्तेमाल हुआ है। उन्होंने कहा कि ये प्रायोगिक तौर पर 100 प्रतियां छपायी गयी थी, जिसे इंटर्नल सर्कुलेट किया गया था। अगर इसमें किसी तरह की त्रुटियां सामने आयी है तो उसे आगे सुधारकर ही इस्तेमाल किया जायेगा।
तितली के जीवन का चक्र बताने के लिए जो फोटो इस्तेमाल किया गया है उस तितली का नाम “मोनार्क” हैं जो कि अचानकमार टाइगर रिजर्व तो क्या छत्तीसगढ़ में भी नहीं पाई जाती।“मेटलिक हेज ब्लू” तितली छत्तीसगढ़ में कभी नहीं देखी गई, उसकी फोटो अचानकमार टाइगर रिजर्व की तितली बता कर प्रकाशित की गई है।
एक तितली जो ब्रोशर में बताई गई है वह “रस्टी सेलर” हैं उसके छत्तीसगढ़ में पाये जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है उसका नाम भी गलत लिखा गया है, उसे “पलास सेलर” लिखा हैं जबकि पलास उस वैज्ञानिक का नाम है जिसने “रस्टी सेलर” की खोज की थी।“लार्ज ओकब्लू” तितली छत्तीसगढ़ में पाई जाती है परन्तु उसकी सब स्पीशीज “लंकन ओकब्लू” तितली जो कि अभी तक अचानकमार टाइगर रिजर्व में नहीं देखी गई है उसे अचानकमार टाइगर रिजर्व की तितली बताया गया है।
69 तितलियों का ब्रोशर बना हैं, परंतु उसमें 68 तितलियाँ हैं, एक तितली ज़ेबरा ब्लू है उसी के नर एवं मादा का फोटो डाल कर 69 तितलियाँ गिनाई गई है।तितलियों को 6 फ़ैमिली में डिवाइड किया गया हैं जबकि ब्रोशर में 5 लिखा है।दो तितलियों के नाम के आगे उसकी खोज करने वाले वैज्ञानिक का नाम लिखा है और बाक़ियो में नहीं लिखा हैं।अधिवक्ता संदीप तिवारी ने मांग की है कि गलत जानकारी दे कर छत्तीसगढ़ का नाम ख़राब करने वालों पर कार्यवाही होनी चाहिए तथा ब्रोशर बनाने के खर्च की वसूली दोषी अधिकारी से की जानी चाहिए।
मोहम्मद रज्जब बिलासपुर 9755114786