रायपुर। Congress gave the government an ultimatum till August 15 छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जल्द ही आवारा मवेशियों को लेकर सड़क पर प्रदर्शन करती नजर आएगी। 16 अगस्त से सभी जिलों के एसडीएम और कलेक्टोरेट दफ्तर में कांग्रेस के नेता प्रदर्शन करेंगे। सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस को गौ सत्याग्रह की जरूरत क्यों पड़ी? और प्रदेश में गौठानों पर सियासत क्यों गरमा रही है? आइए जानते है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ में खरीफ फसल की बुआई के बीच अवारा मवेशियों ने किसानों को हलाकान कर दिया है। आवारा मवेशी ग्रामीण इलाकों में जहां फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों में सड़कों पर बैठकर दुर्घटनाओं को दावत भी दे रहे हैं।
कांग्रेस का दावा है कि प्रदेश में बनाए गए गौठानों को बंद करने की वजह से आवारा मवेशियों की समस्या बढ़ी है। अब इसके खिलाफ कांग्रेस गौ सत्याग्रह करने जा रही है। पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया। अब पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भी 15 अगस्त तक इस समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने 16 अगस्त से पूरे प्रदेश में गौ सत्याग्रह करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि गौरक्षा की बात करने वाले भाजपा के शासन में गौवंश की रक्षा भी नहीं कर पा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के गौ सत्याग्रह पर भाजपा तंज कसते नजर आ रही है। सीएम विष्णु देव साय ने कहा छत्तीसगढ़ की जनता 5 साल नरवा-गरवा-घुरुवा का परिणाम देख चुकी है। कई गाए मर रही थी। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी कांग्रेस सरकार की गौठान योजना पर सवाल उठाए।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में आवारा मवेशियों की समस्या काफी लंबे समय से रही है। गांवों में किसान मवेशियों के फसल चरने से परेशान होते हैं। वहीं शहरों में दुर्घटनाएं भी होती हैं। ऐसे में भले इसे लेकर सियासत हो, भाजपा और कांग्रेस आरोप प्रत्यारोप करते रहें, लेकिन यह जरूरी है कि अवारा मवेशियों की समस्याओं का ठोस निराकरण हो। जिससे मवेशी न फसलों को नुकसान पहुंचाएं, न शहरों में दुर्घटनाएं हो सके।
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