ED गारंटी दे कि गिरफ्तार नहीं करेगी…’, केजरीवाल ने High Court’ से लगाई गुहार..!
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। ईडी के समन पर अब तक पेश ने होने पर हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कई सवाल किए। हाई कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश क्यों नहीं हो रहे हैं? कोर्ट ने केजरीवाल से कहा कि पहले आप देश के नागरिक हैं। पेश होंगे तो पता चलेगा ईडी क्या कहती है। हाई कोर्ट ने कहा कि समन उनके नाम पर है। उनको पेश होना चाहिए। फिलहाल इस मामले में अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा कि अरविंद केजरीवाल समन पर पेश क्यों नहीं हो रहे? इस सवाल के जवाब में अरविंद केजरीवाल की तरफ से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमने सभी समन का जवाब दिया है। अरविंद केजरीवाल वर्चुअली किसी भी वक्त पेश होने के लिए तैयार हैं। पेशी में कोई दिक्कत नहीं है। हमें प्रोटक्शन चाहिए।
कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के वकील से आगे पूछा कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री कल ईडी के सामने पेश हो सकते हैं? इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नहीं, लेकिन अगर ईडी कहे कि गिरफ्तार नहीं करेंगे या कोर्ट गिरफ्तार न करने का आदेश दे तो पेश होंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें जारी किए गए सभी नौ समन को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आज इस मामले में जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मौज जैन की खंडपीठ सुनवाई की।
हाई कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से मांगा जवाब; जानिए पूरा मामला
संघीय एजेंसी ने केजरीवाल को नौ बार पूछताछ के लिए बुलाया है। हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने हर बार समन को नजरअंदाज किया। केजरीवाल ने अब तक दिसंबर 2023 और मार्च 2024 के बीच ईडी द्वारा जारी किए गए नौ समन को “अवैध” और “राजनीति से प्रेरित” बताते हुए नजरअंदाज कर दिया है। दिल्ली की एक कोर्ट ने पिछले हफ्ते आप प्रमुख को पिछले नौ समन में से छह को छोड़ने के लिए जांच एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ
दायर दो शिकायतों पर जमानत दे दी थी।
सोमवार को सीएम दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक अन्य मामले में पूछताछ के लिए ईडी के समन में शामिल नहीं हुए थे।
डीजेबी मामला क्या है?
दिल्ली जलबोर्ड (DJB) मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एक निजी फर्म को 38.02 करोड़ रुपये का ठेका दिया था, जबकि वो पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थी। यह कार्य विद्युत चुम्बकीय प्रवाह मीटरों की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग से संबंधित था।