पशुपति पारस ने मोदी मंत्रिमंडल से दिया इस्तीफा, बोले- हमारे साथ हुई नाइंसाफी…!
बिहार की 40 लोकसभा सीटों की एनडीए ने घोषणा कर दी है। इसके बाद से ही बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो चली है। लोजपा (रामविलास) को सीट मिलने के बाद नाराज पशुपति कुमार पारस ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। सीट शेयरिंग में पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा को एक भी सीट नहीं मिली है। पारस का कहना है कि हमारे साथ नाइंसाफी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, एक भी सीट नहीं मिलने से पशुपति पारस खेमा नाराज है। उनकी पार्टी राजद के संपर्क में है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, बिहार में एनडीए के अंदर जगह नहीं मिलने से नाराज पशुपति कुमार पारस राजद के संपर्क में आ गए हैं। पांच सीटों के लिए इनकी बात भी हुई है। ऐसी संभावना है कि हाजीपुर समेत जो सीटें एनडीए में चिराग पासवान की पार्टी को मिली हैं, पशुपति कुमार पारस महागठबंधन से उन्हीं सीटों की मांग कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इनमें से कुछ सीटें तो उन्हें मिल ही सकती हैं। माना जा रहा है कि जिन सीटों पर चिराग अपने उम्मीदवार उतारेंगे, उनके खिलाफ चाचा भी अपने उम्मीदवार उतार कर उन्हें सीधी चुनौती देना चाहते हैं। पशुपति कुमार पारस दिल्ली से पटना जाकर इसका कोई न कोई रास्ता निकाल सकते हैं। बुधवार को वे पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं। हालांकि राजद और कांग्रेस ने पशुपति पारस की एंट्री को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।
दिल्ली स्थित निवास पर मौजूद पशुपति पारस के करीबी लोगों ने अमर उजाला से कहा कि पशुपति पारस अभी तक इसी इंतजार में थे कि एनडीए गठबंधन में उन्हें कितनी सीटें मिलेंगी। लेकिन सोमवार को हुई घोषणा में उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई। लेकिन अब पारस की हाजीपुर से चुनावी मैदान में उतरने की संभावना तेज हो गई है। 2019 में हाजीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव जीत कर पशुपति पारस सांसद बने थे। पारस चुनावी मैदान में अकेले जाएंगे या फिर महागठबंधन में शामिल होंगे, इसे लेकर स्थिति एक या दो दिन में साफ होगी। एनडीए में ये सीट चिराग पासवान को मिली है। पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता देवजानी मित्रा ने अमर उजाला से कहा कि जल्द ही पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता पटना में एक या दो दिन में बैठक करने जा रहे हैं। आगे की रणनीति को लेकर होगी इसी बैठक में फैसला लिया जाएगा।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान एनडीए में सीट बंटवारे के बाद पार्टी के खाते में पांच सीटें आने पर खुश दिखे। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि उनकी पार्टी के मान सम्मान को बरकरार रखा गया और जिस तरह से उन्होंने लोजपा (रामविलास) की चिंता की, मैं उनको विशेष तौर पर धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि जब कोई बड़ा गठबंधन बनता है, तो हर दल को छोटे-मोटे समझौते करने पड़ते हैं और थोड़ी बहुत कुर्बानी हर किसी को देनी पड़ती है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी सिटिंग पांच सीटें छोड़ दी थीं और गठबंधन को मजबूत स्वरूप दिया था। आज उससे भी मजबूत स्वरूप दिया गया है। जो साथी उस वक्त गठबंधन में शामिल नहीं थे, वो भी आज हमारे साथ हैं। उन्होंने खुद के दो सीटों से चुनाव लड़ने की सम्भावना को नकारते हुए कहा कि इस पर पार्टी ही अंतिम फैसला करेगी। उन्होंने हाजीपुर से चुनाव लड़ने के संकेत देते हुए कहा कि मुझे पार्टी से जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार मैं हाजीपुर से ही चुनाव लडूंगा। अभी चिराग पासवान जमुई लोकसभा सीट से सांसद हैं।
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व घटक दलों से संवाद कर रहा था, इसमें जेडीयू की कोई भूमिका नहीं थी। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने चिराग पासवान के साथ मिलकर फैसला लिया। पशुपति कुमार पारस का क्या फैसला है वे किधर जा रहे हैं वे वही बता सकते हैं। नीतीश कुमार ने सभी का सम्मान किया है। यह भाजपा और पशुपति कुमार पारस के बीच का मुद्दा है।
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