कृष्ण जन्मभूमि केसः मस्जिद कमेटी को सुप्रीम कोर्ट से झटका, HC में जारी रहेगी 15 मामलों की एक साथ सुनवाई..!
नई दिल्ली. मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी है. मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का फैसला लिया था.
हाईकोर्ट का कहना था कि ये सभी मुकदमे एक ही तरह के हैं, जिनमें एक ही तरह के सबूतों के आधार पर फैसला होना है. लिहाजा कोर्ट का समय बचाने के लिए ये बेहतर होगा कि इन मुकदमों पर एक साथ सुनवाई हो. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां से उसे नाउम्मीदी ही हाथ लगी.
पिछले वर्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े सभी 15 मामले सुनवाई के लिए अपने पास मंगा लिए थे. वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग वाले वाद की पोषणीयता को चुनौती देने के संबंध में दायर याचिका पर अगली सुनवाई 20 मार्च तय की है. मूल वाद में दावा किया गया है कि शाही ईदगाह मस्जिद, कटरा केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि पर बनाई गई है. इस मामले में मुस्लिम पक्ष की अधिवक्ता तसलीमा अजीज अहमदी ने दलील दी कि उनके पक्ष ने 12 अक्टूबर 1968 को एक समझौता किया था, जिसकी पुष्टि 1974 में निर्णित एक दीवानी वाद में की गई. एक समझौते को चुनौती देने की समयसीमा तीन वर्ष है, लेकिन वाद 2020 में दायर किया गया. इस तरह से मौजूदा वाद समयसीमा से बाधित है.
अहमदी ने यह भी कहा कि यह वाद शाही ईदगाह मस्जिद के ढांचे को हटाने के बाद कब्जा लेने और मंदिर बहाल करने के लिए दायर किया गया है. वाद में की गई प्रार्थना दर्शाती है कि वहां मस्जिद का ढांचा मौजूद है और उसका कब्जा प्रबंधन समिति के पास है. मुस्लिम पक्ष की अधिवक्ता ने दलील दी, ‘इस प्रकार से वक्फ की संपत्ति पर एक सवाल/विवाद खड़ा किया गया है. ऐसे में वक्फ कानून के प्रावधान लागू होंगे और इस तरह से इस मामले में सुनवाई वक्फ अधिकरण के न्याय क्षेत्र में आता है न कि दीवानी अदालत के अधिकार क्षेत्र में.’
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