Loksabha Election: इस सीट से एमपी-सीजी के पूर्व मुख्यमंत्री भी लड़ चुके हैं चुनाव, जानें इसका दिलचस्प इतिहास..!
छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से महासमुंद की लोकसभा सीट हाईप्रोफाइल सीट है. इस सीट से मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम श्यामाचरण शुक्ल और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी भी चुनाव लड़कर जीत चुके हैं. कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले महासमुंद लोकसभा क्षेत्र पर पिछले तीन बार से भाजपा का कब्जा रहा है.
11121.66 वर्ग कि.मी. मे फैले महासमुंद लोकसभा क्षेत्र मे 8 विधानसभा सीटे हैं. तीन जिलों महासमुंद , धमतरी , गरियाबंद जिला में विस्तारित महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए और सरायपाली विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. शेष 6 विधानसभा क्षेत्र (महासमुंद , खल्लारी , बसना , राजिम , कुरूद एवं धमतरी ) सामान्य सीटें हैं. महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के जातिगत समीकरण की बात करें तो 51% मतदाता अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं जिनमें साहू , कुर्मी , अघरिया , यादव , कोलता समाज की बहुलता है. अनुसूचित जनजाति लगभग 20% , अनुसूचित जाति लगभग 11% एवं अनारक्षित वर्ग के लगभग 12 % मतदाता हैं.
जानें इस सीट के बारे में
साल 1952 से अब तक कुल 19 चुनाव देख चुके महासमुंद लोकसभा सीट मे 12 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है. कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल 7 बार महासमुंद से चुनाव जीतकर केन्द्र में वरिष्ठ मंत्री रहे हैं. अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे श्यामाचरण शुक्ल भी एक बार महासमुंद से चुनाव जीत चुके हैं. छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी सन 2004 के चुनाव में महासमुंद लोकसभा से चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के अंतिम सांसद रहे हैं. अजीत जोगी के बाद 2009, 2014 एवं 2019 में भाजपा ने महासमुंद लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है.
जब एक ही नाम के 11 प्रत्याशी थे मैदान में
साल 2014 के चुनाव मे महासमुंद लोकसभा सीट से 11 चन्दू साहू चुनाव मैदान मे उतरे थे, भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी चन्दूलाल साहू के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे 07 चन्दूलाल साहू एवं 03 निर्दलीय प्रत्याशी चन्दूराम साहू चुनाव लड़े थे. इस प्रकार कुल 11 चन्दू साहू नाम के प्रत्याशियों की चर्चा देश भर मे हुई थी. भाजपा ने इसे कांग्रेस प्रत्याशी अजीत जोगी का कारनामा और साजिश बताया था. इस चुनाव मे छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी 1217 मतों से चुनाव हार गए थे. छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहले लोकसभा चुनाव सन् 2004 मे महासमुंद लोकसभा से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी कांग्रेस के उम्मीदवार थे . उनके सामने विद्याचरण शुक्ल BJP प्रत्याशी के रूप मे चुनाव मैदान में थे. चुनाव अभियान के दौरान अजीत जोगी का वाहन देर रात पेड़ से टकरा गया था. इस दुर्घटना मे अजीत जोगी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसके बाद अजीत जोगी चुनाव प्रचार से बाहर हो गए थे. इसके बावजूद अजीत जोगी चुनाव जीत कर कांग्रेस की झोली में महासमुंद की सीट डाल दी .
इनके बीच होगा घमासान
इस सीट से भाजपा ने रूप कुमारी चौधरी को मैदान में उतारा है. ये 2005 से जिला पंचायत सदस्य रही हैं.बसना विधानसभा से पूर्व विधायक एवं संसदीय सचिव बनीं थीं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट काट दिया था. अब इन्हें लोकसभा चुनाव के लिए इस सीट से प्रत्याशी बनाया गया है. जबकि कांग्रेस से ताम्रध्वज साहू चुनाव लड़ेंगे. ताम्रध्वज साहू 1998 एवं 2003 को धमधा , 2008 को बेमेतरा विधानसभा से विधायक चुने गए थे.2014 में कांग्रेस से दुर्ग लोकसभा से चुनाव जीत कर सांसद बने थे. 2018 को विधानसभा जीत कर भूपेश सरकार में गृह मंत्री बनाए थे.महासमुंद जिला के प्रभारी मंत्री का दायित्व भी संभाल चुके हैं.
विद्याचरण 3 पार्टियों से लड़ चुके हैं चुनाव
महासमुंद लोकसभा सीट कई मायनों मे दिलचस्प किस्सों की गवाह रही है. केन्द्र में अनेकों बार वरिष्ठ मंत्री रहे विद्याचरण शुक्ल महासमुंद लोकसभा सीट से कांग्रेस , जनता दल एवं भाजपा प्रत्याशी रूप में किस्मत आजमाते रहे हैं. विद्याचरण शुक्ल 06 बार कांग्रेस से और 01 दफे जनता दल से चुनाव जीत कर महासमुंद से सांसद बने थे. इस लोकसभा सीट से अविभाजित मध्यप्रदेश के समय सन् 1991 एवं 1996 मे छत्तीसगढ़ के सुविख्यात संत कवि पवन दीवान ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप मे जीत हासिल की थी .अपने धार्मिक प्रवचनों से जन- जन में लोकप्रिय संत कवि पवन दीवान सांसद होने के बावजूद धार्मिक आयोजनों के साथ बड़े कवि सम्मेलनों मे शिरकत करते रहे है. महासमुंद लोकसभा के आठ विधानसभा क्षेत्र में से चार विधानसभा क्षेत्र ( सरायपाली , खल्लारी , धमतरी , बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र ) में कांग्रेस का कब्जा है . वहीं चार विधानसभा क्षेत्र महासमुंद , बसना , राजिम एवं कुरूद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक हैं.
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