3 देश, 6 अल्पसंख्यक समुदाय… और नागरिकता ही नहीं, असल क्या है CAA का पूरा सच, जानें सारी बातें..!
केंद्र ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू कर दिया है. सरकार ने विवादास्पद कानून पारित होने के चार साल बाद नोटिफिकेशन जारी किया है जिससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. लोकसभा चुनाव की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले नियमों को अधिसूचित किया गया है. इसके साथ मोदी सरकार अब तीन देशों के सताए हुए गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई – को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगी. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है.
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि नागरिकता (संशोधन) नियम 2024 कहे जाने वाले ये नियम सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे. प्रवक्ता ने कहा कि आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे, जिसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है. सीएए दिसंबर 2019 में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई, लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए और कई विपक्षी दलों ने कानून के खिलाफ बोलते हुए इसे
‘भेदभावपूर्ण’ बताया था. अब तक नियम अधिसूचित नहीं होने के कारण कानून लागू नहीं हो सका.
नागरिकता संशोधन कानून 2024 की प्रमुख बातें
1- गृह मंत्रालय के मुताबिक, नागरिकता संशोधन कानून में प्रमुख भूमिका होगी स्थानीय लेवल की कमेटी यानी जिला कमेटी की जो या सुनिश्चित करेगी जो आवेदन उसके पास आएंगे उसका कानून के मुताबिक, क्रियान्वयन किया जाएगा.
2- यह एंपावर्ड कमेटी रहेगी, जिसमें विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे और वह आवेदकों की फिजिकल मौजूदगी में नागरिकता देने का अंतिम निर्णय करेंगे.
3- नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 उन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है, जिन्होंने तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण मांगी थी.
4- 3 देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के 6 अल्पसंख्यक समुदाय – हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को नागरिकता मिलेगी.
इस कानून के महत्वपूर्ण मुद्दे
1- पुनर्वास और नागरिकता के रास्ते में आने वाली कानूनी बाधाओं को दूर करता है.
2- दशकों से पीड़ित शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन देना.
3- नागरिकता अधिकार उनकी सांस्कृतिक, भाषाई और सामाजिक पहचान की रक्षा करेंगे.
4- यह आर्थिक, वाणिज्यिक, मुक्त आवाजाही और संपत्ति खरीद अधिकार भी सुनिश्चित करेगा.
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कई भ्रांतियां फैलाई गई
1- यह नागरिकता देने का कानून है, CAA किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं छीनेगा, चाहे वह किसी भी धर्म का हो.
2- यह अधिनियम केवल उन लोगों के लिए है जिन्होंने वर्षों से उत्पीड़न सहा है और जिनके पास भारत के अलावा दुनिया में कोई अन्य आश्रय नहीं है.
3- भारत का संविधान हमें धार्मिक रूप से प्रताड़ित शरणार्थियों को मौलिक अधिकार देने और मानवीय दृष्टिकोण से नागरिकता देने का अधिकार देता है.
4- कोविड महामारी के कारण नागरिकता संशोधन अधिनियम के कार्यान्वयन में देरी हुई, लेकिन अब सरकार इसे लागू कर रही है
5- सरकार ने अपने 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि हम पड़ोसी देशों से प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. आज सरकार ने संविधान की भावना के तहत यह वादा पूरा किया है.