जजों को कैसे लिखना चाहिए कोर्ट का फैसला, CJI चंद्रचूड़ ने दी सलाह..!
नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ अपनी बातों से सुर्खियों में रहते हैं. चीफ जस्टिस ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि जजों को अपना फैसला आसान भाषा में लिखना चाहिए. उन्होंने कहा कि जजों को फैसले सरल भाषा में लिखने चाहिए और उन्हें आम लोगों तक पहुंचना चाहिए.
CJI ने आगे कहा कि लोगों को उनकी क्षेत्रीय भाषाओं में अदालती फैसले उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. CJI एक गणतंत्र के रूप में भारत के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में क्षेत्रीय/राज्य-स्तरीय हमारा संविधान हमारा सम्मान अभियान के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. राजस्थान के बीकानेर में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री राम मेघवाल भी शामिल हुए थे.भारत का संविधान वकीलों के लिए स्वर्ग है’
इस अभियान का उद्देश्य संविधान और नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. अपने संबोधन की शुरुआत में CJI ने कहा कि संविधान किसी भी देश की एकता और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है. इसे स्पष्ट करते हुए उन्होंने ब्रिटेन के संवैधानिक कानून विशेषज्ञ सर आइवर जेनिंग्स का भी हवाला दिया, जिन्होंने कहा था कि भारत का संविधान वकीलों के लिए स्वर्ग है.
संविधान निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री बी.आर. का हवाला देते हुए संविधान सभा में अम्बेडकर के भाषण को लेकर उन्होंने कहा, ‘संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है. यह जीवन का वाहन है और इसकी आत्मा हमेशा उम्र की भावना होती है.
भारत का संविधान वकीलों के लिए स्वर्ग है’
इस अभियान का उद्देश्य संविधान और नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. अपने संबोधन की शुरुआत में CJI ने कहा कि संविधान किसी भी देश की एकता और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है. इसे स्पष्ट करते हुए उन्होंने ब्रिटेन के संवैधानिक कानून विशेषज्ञ सर आइवर जेनिंग्स का भी हवाला दिया, जिन्होंने कहा था कि भारत का संविधान वकीलों के लिए स्वर्ग है.
संविधान निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री बी.आर. का हवाला देते हुए संविधान सभा में अम्बेडकर के भाषण को लेकर उन्होंने कहा, ‘संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है. यह जीवन का वाहन है और इसकी आत्मा हमेशा उम्र की भावना होती है.’
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