छत्तीसगढ़ विधानसभा में देसी, अंग्रेजी शराब की सप्लाई, ओवररेट और अवैध बिक्री पर जमकर हंगामा..!
छत्तीसगढ़ विधानसभा में चल रहे बजट सत्र में हर दिन हंगामा हो रहा है. विपक्ष प्रदेश में सरकार द्वारा शराब बेचे जाने का विरोध कर रहा है. गुरुवार को विपक्ष शराब बंदी की मांग को लेकर सदन चर्चा की मांग कर रहा था तभी मंत्री राजेश मूणत ने खड़े होकर ऐसा प्रस्ताव रख दिया जिससे विधायक हतप्रभ रह गये.
मंत्री मूणत ने कहा कि शराबबंदी की चर्चा के बीच ये प्रस्ताव पहले आना चाहिए की सदन के जो भी सदस्य शराब पीते हैं वो शराब पीना छोड़ देंगे. विपक्ष ने खुलकर इसका समर्थन किया कि वो शराब पीना छोड़ने के प्रस्ताव को स्वीकार करते है, लेकिन बीजेपी के सदस्यों को इस प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए.
इससे पहले प्रश्नकाल समाप्त होते ही भूपेश बघेल ने पूर्ण शराबबंदी के मुद्दे पर स्थगन लाया. जिसके बाद स्थगन को स्वीकार करने और विचार न करने के मुद्दे पर सदन में तीखी नोक झोंक शुरू हो गयी.
विपक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश में इस मुद्दे पर धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं. कानून व्यवस्था बाधित हो रही है. सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि बीजेपी विधायक दल की बैठक में भी सरकार के मंत्रियों ने इसका विरोध किया है.
विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल चलाने की बजाय क्या अब सरकार शराब बेचेगी? वहीं संसदीय कार्य मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि कल सदन में पानी छींटा गया. पवित्र सदन में ऐसे कृत्यों पर संज्ञान लेना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शासन ने अधिकारियों की कमेटी बनाकर स्थल चयन का काम शुरू कर दिया, जिन लोगों ने इस मामले को हाईकोर्ट में उठाया उनकी गिरफ़्तारी की जा रही है. कहीं ऐसी स्थिति नहीं है जहां महिलाओं ने इसका विरोध ना किया हो.
ना केवल शराब की दुकान चलाना बल्कि दुकान बनाने को लेकर भी अध्यादेश पेश कर दिया गया. स्थगन को अस्वीकार्य करते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया. सभी कांग्रेसी विधायकों ने अपने-अपने सीट पर खड़े होकर नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामा बढ़ता देख विधान सभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
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