जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि, डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ में त्यागा शरीर..!
डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ में शनिवार देर रात 2:30 बजे दिगंबर मुनि परंपरा के अनुसार आचार्य श्री ने अपना शरीर त्याग दिया. इससे पहले उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन का उपवास लिया और अखंड मौन धारण कर लिया था, जिसके बाद देर रात उन्होंने शरीर त्याग दिया.
जैन मुनि आचार्य पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे. जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज 17 फरवरी को ब्रह्मलीन हो गए थे. उन्होंने तीन दिन पहले उपवास धारण किया था. इससे पहले उन्होंने अन्य जैन मुनियों की मौजूदगी में संघ संबंधी सभी कार्यों से निवृत्ति ले ली और उसी दिन आचार्य का पद भी त्याग दिया था.
देर रात आचार्य ने त्यागा अपना शरीर: विश्व प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का देवलोक गमन हो गया है. आज देर रात लगभग 2:30 बजे उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया. पिछले कई दिनों से आचार्य विद्यासागर जी महाराज अस्वस्थ चल रहे थे.
डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी पर्वत में आचार्य विद्यासागर महाराज रुके हुए थे. डोंरगढ़ स्थित चंद्रगिरी पर्वत जैन समाज का प्रमुख धर्मस्थल है, जहां आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने समाधि ली है.
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