कमलनाथ के साथ कांग्रेस को अलविदा कहने वाले नेताओं के नाम आए सामने, देखिए कौन-कौन थामेंगे भाजपा का दामन…?
लोकसभा चुनाव से ऐन पहले कमलनाथ ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने का लगभग तय कर लिया और वो सोमवार को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कमलनाथ के इस एक फैसले ने मध्यप्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है। फिलहाल कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ दिल्ली पहुंच चुके हैं। वहीं, इस दौरान उन्होंने मीडिया के सामने भाजपा में शामिल होने के कयासों को लेकर बड़ा बयान दिया है।
दिल्ली पहुंचने के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ से मीडिय से पूछा गया कि क्या आप भाजपा में शामिल होने वाले हैं? तो उन्होंने मीडिया का जवाब देते हुए कहा कि “आप सभी उत्साहित क्यों हो रहे हैं? अगर ऐसा कुछ हुआ तो मैं सबसे पहले आप लोगों को ही बताउंगा।
वहीं दूसरी ओर ये खबर आ रही है कि कमलनाथ और नकुलनाथ ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई विधायक और दिग्गज नेता भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था, उन्होंने 28 विधायकों के भाजपा का दामन थाम लिया था।
सिंधिया के भाजपा में जाते ही कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी और फिर से शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे।
10 विधायक, दो महापौर छोड़ेंगे कांग्रेस
खबरों की मानें तो कमलनाथ अपना पूरे कुनबे के साथ भाजपा में शामिल होने वाले हैं। बताया जा रहा है कि 10 विधायक, दो महापौर (छिंदवाड़ा और मुरैना) और एक जिला पंचायत अध्यक्ष (छिंदवाड़ा) भाजपा का दामन थाम सकते हैं। अब देखना होगा कि लोकसभा चुनाव से पहले इस बड़े झटके से कांग्रेस पार्टी कैसे उबर पाती है।
ये कांग्रेस नेता होंगे भाजपा में शामिल
नकुलनाथ
सज्जन सिंह वर्मा
सैयद जाफर
केके मिश्रा
कुंदन मालवीय
दिनेश गुर्जर और 7 अन्य विधायक
क्यों कमलनाथ ने लिया ऐसा फैसला
कमलनाथ की नाराजगी पर गौर करें तो उनका ये जख्म बहुत पुराना है। इसके लिए हमें उस दौर में जाना होगा जब सिंधिया ने कांग्रेस को झटका दिया था। बताया जाता है कि राहुल गांधी, सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने की वजह कमलनाथ को ही मानते हैं और इसी की वजह से ही विधानसभा चुनाव 2023 में राहुल गांधी खेमे के माने जाने वाले रणदीप सुरजेवाला को मध्यप्रदेश का प्रभारी बनाकर भेजा गया था। अंदरखाने की मानें तो चुनाव के दौरान भी सुरजेवाला और कमलनाथ के बीच कई बार टकराव वाली स्थिति बन जाती थी।
कमलनाथ को कांग्रेस ने किया नजरअंदाज
वहीं, कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव 2023 में मिली हार की जिम्मेदारी ली, बावजूद इसके उन्हें पीसीसी चीफ के पद से हट दिया गया और जीतू पटवारी को जिम्मेदारी सौंप दी गई।
कमलनाथ को उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद बनाए रखेगी। वहीं, जब नेता प्रतिपक्ष के चुनाव की बात आई तो कांग्रेस पार्टी ने उमंग सिंघार पर भरोसा जताया। यानि करीब एक महीने के भीतर पूर्व सीएम कमलनाथ की उम्मीदों को दूसरी बार झटका लगा था।
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