संदेशखाली मामले में सभी आवश्यक कार्रवाई की गई, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा : ममता बनर्जी…
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले को लेकर विपक्ष टीएमसी सरकार पर हमलावर है. इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान सामने आया है. ममता ने विधानसभा में कहा कि स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, गलत काम में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.
उस क्षेत्र का जिक्र करते हुए,
जहां सत्तारूढ़ टीएमसी नेताओं द्वारा स्थानीय लोगों पर कथित अत्याचारों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है, बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि उन्होंने कभी किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया है और न ही होने देंगी. ममता ने कहा कि ‘हम संदेशखाली स्थिति पर गौर कर रहे हैं; किसी भी गलत काम में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने राज्य महिला आयोग को वहां भेजा है और संदेशखाली के लिए एक पुलिस टीम का गठन किया है.’
बनर्जी ने कहा कि इलाके में परेशानी पैदा करने की एक ‘भयानक साजिश चल रही है’ और राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की है.
लगातार सातवें दिन संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन जारी रहा, बड़ी संख्या में महिलाएं सड़कों पर उतर आईं और टीएमसी नेता शाजहां शेख और उनके समर्थकों की गिरफ्तारी की मांग की.
दरअसल, हजारों करोड़ रुपए के राशन घोटाले में ईडी के अधिकारी 5 जनवरी को पश्चिम बंगाल में 15 ठिकानों पर छापा मार रहे थे. ऐसे में ईडी की एक टीम नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में शेख शाहजहां और शंकर अध्य के घर भी रेड डालने गई थी. इस दौरान ईडी की टीम पर टीएमसी समर्थकों ने जानलेवा हमला किया था. इसमें तीन अधिकारी घायल हो गए थे. इसके बाद से ही शाहजहां फरार चल रहा है और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ है.
इसके बाद संदेशखाली की महिलाओं ने शेख शाहजहां के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और आरोप लगाते हुए बताया कि कैसे गुंडे उनके बीच से अपनी पसंद की किसी भी महिला को उठा लेते हैं और उसके साथ कुछ भी करते हैं.
महिलाओं ने आरोप लगाया कि स्थानीय टीएमसी के गुंडों के द्वारा उनके साथ अत्याचार एवं यौन शोषण किया जाता रहा. ये गुंडे महिलाओं को पार्टी कार्यालय लाते और यहां उनके साथ दुष्कर्म करते. जिसमें से कई महिलाओं के वीडियो भी सामने आए, जिससे पता चला कि हिंदू महिलाएं मुख्य रूप से उनके निशाने पर थीं.
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