Bastar News: एकलव्य विद्यालय के आदिवासी छात्रों ने सड़क पर दिया धरना, स्कूल पर आरोप- भूखे सोने पर मजबूर..?
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में स्थित एकलव्य आदर्श विद्यालय के आदिवासी छात्रों ने हॉस्टल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. इसी के साथ बच्चे मुख्य सड़क पर धरने पर बैठ गए और कई घंटे तक मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. छात्रों का कहना है कि वे बीते लंबे समय से हॉस्टल के अधीक्षक की प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं. उन्हें एकलव्य आदर्श विद्यालय सह हॉस्टल में घटिया भोजन परोसने के साथ भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है. कई बार शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई न होता देख सोमवार को छात्रों ने धरमपुरा मार्ग पर धरना प्रदर्शन किया.
हॉस्टल अधीक्षक और स्टाफ को हटाने की मांग पर अड़े छात्रों के पास खुद आदिवासी विकास विभाग के संयुक्त संचालक अमित भाटिया पहुंचे और शाम तक सभी व्यवस्था दुरुस्त करने का आश्वासन दिया. साथ ही, कलेक्टर से शिकायत के बाद तत्काल प्रभाव से एकलव्य आदर्श विद्यालय के अधीक्षक पदलाम सिंह बैश और विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य मिलाप सिंह ठाकुर को पद से हटाया गया और संयुक्त संचालक ने जल्द ही बच्चों की शिकायतों पर जांच कर कार्रवाई की बात कही है.
छात्रों ने लगाया दूषित भोजन खिलाने का आरोप
दरअसल, शहर के धरमपुरा में दरभा ब्लॉक के छिंदवाड़ा एकलव्य आदर्श विद्यालय का संचालन आदिवासी विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है. इस एकलव्य आदर्श विद्यालय सह आश्रम में बस्तर जिले के दरभा ब्लॉक के सुदूर अंचलों में रहने वाले आदिवासी छात्र अध्यनरत हैं. इन छात्रों में ऐसे कई बच्चे हैं जो नक्सल पीड़ित परिवार से हैं. छात्रों की शिकायत है कि लंबे समय से उन्हें घटिया क्वॉलिटी का भोजन परोसा जा रहा है. सुबह का नाश्ता नहीं मिलता, साथ ही जानबूझकर कम भोजन बनाया जाता है और वह भोजन भी खाने लायक भी नहीं होता.
कई बार हॉस्टल अधीक्षक से शिकायत की गई लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया. इसके बाद छात्रों ने इस आदर्श विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य से भी शिकायत की, लेकिन उन्होंने भी आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं किया. इसके चलते छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और सोमवार को इस एकलव्य आदर्श विद्यालय के सभी छात्र धरमपुरा के मुख्य मार्ग पर सड़क पर धरने पर बैठ गए.
विरोध करने पर टीसी काटने की मिलती है धमकी
छात्रों ने आदिवासी विकास विभाग के संयुक्त संचालक को बताया कि वह काफी लंबे समय से खराब खाने से परेशान हैं. हॉस्टल अधीक्षक अधिकारियों को शिकायत करने पर टीसी काट देने की धमकी देता है. इसके अलावा, बच्चे कई बार भूखे पेट सोने को मजबूर होते हैं. न समय पर नाश्ता मिलता है ना भर पेट खाना.
इन सब शिकायतों के बाद तुरंत संयुक्त संचालक अमित भाटिया ने इस मामले की पूरी जांच कर हॉस्टल के अधीक्षक और विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. साथ ही पूरा स्टाफ बदलने का भी छात्रों को आश्वासन दिया. इसके बाद छात्रों ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त किया.
नए अधीक्षक की नियुक्ति
अमित भाटिया का कहना है कि आदिवासी विभाग के पास संसाधनों की कमी नहीं है. प्रारंभिक जांच में हॉस्टल स्तर पर प्रबंधन की गलती नजर आ रही है. हालांकि, इससे पहले बच्चों ने उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी लेकिन अब शिकायत मिलने के बाद तत्काल प्रभाव से बस्तर कलेक्टर को इसकी जानकारी दे दी गई है. एकलव्य आदर्श विद्यालय के हॉस्टल अधीक्षक और प्रभारी प्राचार्य को भी तत्काल रूप से निष्कासित कर दिया गया है. उनके स्थान पर नए प्रभारी प्राचार्य और हॉस्टल अधीक्षक को रखा गया है.
अमित भाटिया ने कहा कि सभी छात्रों के बयान दर्ज किए जाएंगे और उसके आधार पर हॉस्टल अधीक्षक पदलाम सिंह बैश और प्रभारी प्राचार्य मिलाप सिंह ठाकुर के खिलाफ जरूर कार्रवाई की जाएगी.
हॉस्टल में अनियमितता की शिकायत
गौरतलब है कि बस्तर के सुदूर अंचलों में रहने वाले आदिवासी स्कूली छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा और उनके उत्थान के लिए आदिवासी विकास विभाग के द्वारा जिले में बड़ी संख्या में आश्रम का संचालन किया जा रहा है. साथ ही एकलव्य आदर्श विद्यालय सह आश्रम में इन बच्चों के लिए हर साल करोड़ों रुपये का बजट जारी किया जाता है. इसके बावजूद, आदिवासी छात्रों को ना भरपेट भोजन मिलता है और न ही बेहतर खाना.
जगदलपुर शहर में ही एकलव्य आदर्श विद्यालय में इतनी अनियमितता देखने को मिली. ऐसे में जिले में संचालित अन्य सरकारी आश्रम की क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. फिलहाल अधिकारी जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
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