अगर NDA को 400 सीटें मिलती है तो…” : गुलाम नबी आजाद ने परोक्ष रूप से कांग्रेस पर साधा निशाना…!
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीट का लक्ष्य हासिल कर लेती है, तो विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का नेतृत्व करने में विफल रहने वाली पार्टी इसके लिए जिम्मेदार होगी.
कांग्रेस के पूर्व नेता आजाद ने पूर्व प्रधानमंत्रियों पी. वी. नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि देश के लिए उत्कृष्ट योगदान के लिए वे इस सम्मान के पात्र थे.
जम्मू के बाहरी इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट परगवाल के गरखाल में एक जनसभा से इतर पत्रकारों से बात करते हुए आजाद ने कहा, ‘‘मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं, जो बता सकूं कि वे (भाजपा) (लोकसभा चुनाव में) 400 का आंकड़ा पार करेंगे या नहीं. यदि ऐसा हुआ, तो सभी को साथ लेकर चलने में नाकाम रहने वाले जिम्मेदार होंगे.”
वह आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के 400 सीट का आंकड़ा पार करने की संभावना और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला द्वारा विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की स्थिति को लेकर जताई गई चिंता के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
आजाद ने कहा, ‘‘वह (उमर) (अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली) भाजपा सरकार में मंत्री थे. शायद उन्हें अपनी पुरानी निष्ठा याद आ गयी होगी.” जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने कहा कि वह न तो कांग्रेस के करीब हैं और न ही भाजपा के. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को जो बोलना है, बोलने दीजिए. मेरे लिए, यदि भाजपा कुछ भी गलत कर रही है, तो मैं आलोचना करने वाला पहला व्यक्ति हूं और इसी तरह, यदि कांग्रेस कुछ भी सही कर रही है, तो मैं उन्हें श्रेय देने से पीछे नहीं हटूंगा.”
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद सितंबर 2022 में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) बनाने वाले आजाद ने राव और सिंह को ‘भारत रत्न’ देने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी के फैसले का स्वागत किया.
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं उनके (नरसिंह राव के) मंत्रिमंडल में पर्यटन मंत्री था, तब राव मनमोहन सिंह को अपने वित्त मंत्री के रूप में लेकर आये थे. उनकी उदारीकरण की नीतियों ने बाहरी दुनिया के साथ तालमेल बैठाने के लिए अर्थव्यवस्था में क्रांति ला दी. मैंने हवाई सेवा में एकाधिकार को समाप्त करने के लिए उदारीकरण की नीति की वकालत की.”
आजाद ने कहा, ‘‘सिंह सबसे बड़े किसान नेता थे और हमने किसान समुदाय में किसी को भी उनके कद के करीब आते नहीं देखा. देश के लिए उनके योगदान को मान्यता देने से कृषक समुदाय का मनोबल बढ़ेगा.”
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