LPG Subsidy: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए बड़ी राहत, केंद्र सरकार ने एलपीजी सब्सिडी का किया ऐलान…!
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को बड़ी राहत देते हुए घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने का ऐलान किया है. सरकार के इस ऐलान के बाद सस्ती कीमत पर लोगों को रसोई गैस मिलेगी.
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के नए अधिसूचना के बाद उज्ज्वला योजना के 9.59 करोड़ लाभार्थियों को प्रति वर्ष 14.2 किलोग्राम एलपीजी गैस सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. वहीं सरकार ने साल में 12 सिलेंडर भरने की भी अनुमति दी है. इसका मतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने एक वित्त वर्ष के दौरान 12 रसोई गैस सिलेंडर पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी देने की मंजूरी दी है.
केंद्र सरकार पर कितना पड़ेगा भार
केंद्र सरकार के इस फैसले से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल खर्च 6,100 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7,680 करोड़ रुपये होगा. ये भार केंद्र सरकार के राजकोष पर होगा. कैबिनेट के सहमति होने के बाद इस सब्सिडी को मंजूरी दी गई है.
पहले से ही ये सब्सिडी दे रहीं ये कंपनियां
सभी प्रमुख तेल विपणन कंपनियां इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) 22 मई 2022 से यह सब्सिडी दे रही हैं. केंद्र सरकार ने अपने बयान में कहा है कि कई कारणों से रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. ऐसे में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को इससे बचाना आवश्यक है. इस कारण सब्सिडी की मंजूरी दी गई है, जिससे गरीब परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी.
उज्ज्वला योजना के तहत बढ़ी रसोई गैस की खपत
सरकार ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी देना जारी रखेगा. यानी कि इस योजना के लाभार्थियों को एलपीजी सब्सिडी का लाभ मिलता रहेगा. पीएमयूवाई लाभार्थियों की औसत एलपीजी खपत की बात करें तो 2019-20 में 3.01 रिफिल से 20 फीसदी बढ़कर 2021-22 में 3.68 हो चुका है.
बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत
केंद्र सरकार ने इस माह के दौरान नाॅन-सब्सिडी 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर 50 रुपये बढ़ा दिए थे, जिसके बाद देश की राजधानी दिल्ली में एलपीजी की कीमत 1,103 रुपये प्रति यूनिट हो चुका है. वहीं कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर 19 केजी की कीमत 350.50 रुपये बढ़कर 2,119.50 रुपये प्रति सिलेंडर हो चुकी है.
Editor In Chief