छत्तीसगढ़ SP उदय किरण ने मानवता के प्रति विस्तीर्ण सोच का दिया उत्तम उदाहरण, लाखों रुपए के इलेक्ट्रॉनिक कृत्रिम अंग से पटरी पर लौटी सुखराम का व्यवसाय…
मानवता को लेकर समाजसेवी संगठनों के द्वारा किए गए कार्यों ने कई उदाहरण प्रस्तुत किए है। सेवा के इस क्रम में पुलिसिंग के साथ साथ मानवता का अनुकरणीय उदाहरण छत्तीसगढ़ के आईपीएस अधिकारी यू उदय किरण के प्रयास से प्रस्तुत किया गया है। उनके इस प्रयास से अपना हाथ गवा चुके युवक को अब कृत्रिम अंग मिल गया है।आईपीएस यू उदय किरण तेजतर्रार ऑफिसरों में से एक है लेकिन कर्तव्याचरण के दूसरे प्रतिबिंब में जरूरतों से जूझने वाले लोगो के प्रति दयाशीलता और परोपकार करने वाले भी है।
आपको बता दे वर्ष 2020 में आईपीएस उदय किरण नारायणपुर में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे थे । इसी दौरान मदद की आश में सुखराम मंडावी अपने परिजनों के साथ पहुँच बताया वर्ष 2008 में एक दुर्घटना का शिकार हो गया जिसमें उसे अपना दाहिना हाथ गवाना पड़ गया। जिसके बाद सामान्य कृत्रिम हाथ लगाया गया था। सुखराम गरीब परिवार से होने के कारण मज़दूरी जीविकोपार्जन के लिए आवश्यक होना बताते हुए ऑफिसर उदय किरण के समक्ष मिन्नते करने लगा।
युवक के हालात और शारीरिक असक्षमता को देख पुलिस के इस अधिकारी ने युवक की गुहार पर मुहर लगाते हुए मदद के लिए आश्वस्त कर विकल्पों की तलाश शुरू कर दी। इस दौरान उन्हें पता चला दिल्ली की संस्था इस तरह का कृत्रिम अंग बनाती है जो मनुष्य के मस्तिष्क से मिलने वाले निर्देश के अनुसार कार्य करती है। लेकिन इसकी कीमत लगभक 6 लाख रुपए थी।
इस दौरान सहायता के लिए उदय किरण के द्वारा कुछ कंपनियों से चर्चा की गई। निको जायसवाल आयरन और लिमिटेड के द्वारा कहा गया सी.एस.आर. मद से रुपए खर्च किया जाता है लेकिन एक व्यक्ति के लिए इतना खर्च का नियम नही है। इस चर्चा के दौरान उदय किरण ने त्वरित आवश्यकता को विचार करते हुए नियम को शिथिल करने का आग्रह किया गया कंपनी ने इस पर अपनी सहमति देते हुए राशि की स्वीकृति दे दी।
सहमति के बाद सुखराम को दिल्ली ले जाया गया जहाँ उसके हाथों का नाप लेने के बाद कृत्रिम अंग लगा दिया गया।सुखीराम पहले ट्रैक्टर चलाया करता था अब कृत्रिम हाथ लगने के बाद वह पूर्व की तरह हर काम कर रहा है।
सुदूर अबूझमाड़ में रहने वाले सुखराम के लिए 6 लाख रुपए के कृत्रिम अंग को लगवाना एक सपने से कम नही था। लेकिन ऑफिसर उदय किरण के अथक प्रयासों से अंततः इस युवक को अपना हाथ दोबारा मिल गया है। वही मानवसेवा के प्रति अपने विस्तीर्ण सोच के साथ सफल प्रयासों का उत्तम उदाहरण भी प्रस्तुत किए है जो समाज के लिए अनुसरण करने योग्य है ताकि किसी भी जरूरतमंदों को मदद के लिए महरूम होना ना पड़े। आईपीएस यू उदय किरण वर्तमान में कोरबा पुलिस अधीक्षक का पदभार संभाल रहे है यह भी निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई को लेकर कई उदाहरण प्रस्तुत किए है ।
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