त्रिलोक चंद्र श्रीवास ने बेलतरा से दावेदारी हेतु राष्ट्रीय समन्वयक का पद छोड़ा, राजनीतिक प्रतिद्वंदी कर रहे हैं,दुष्प्रचार
बिलासपुर जिले के लोकप्रिय कांग्रेस नेता श्री त्रिलोक चंद्र श्रीवास्, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक एवं बिहार सहित अन्य प्रदेशों के प्रभारी से स्वेच्छा से अपने पद छोड़ा है, इस बारे में श्री त्रिलोक चंद्र श्रीवास ने कहा कि 20 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष माननीय श्री मोहन मरकाम के हवाले से समाचार पत्रों से जानकारी मिली, कि मोहन मरकाम ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में कहा है कि जो लोग विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी या अन्य प्रमुख पदों पर पदाधिकारी हैं वह स्वयं से अपने पद छोड़ दें,क्योंकि त्रिलोक चंद्र श्रीवास विगत कई वर्षों से बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के मजबूत सशक्त स्वाभाविक दावेदार है, और नवंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं, यदि आचार संहिता के कार्यकाल और बरसात को छोड़ दे तो 6 महीने से कम समय चुनाव के लिए बचे हैं,इस हेतु उन्होंने अपनी इस मंशा से राष्ट्रीय अध्यक्ष पिछड़ा विभाग कांग्रेस कैप्टन अजय सिंह यादव को 21 दिसंबर को अवगत कराया, कि वे अब प्रदेश से बाहर जाकर पार्टी के कार्य कर पाने पर असमर्थ हैं
विधानसभा चुनाव में दावेदारी करने विधानसभा चुनाव लड़ने हेतु प्रदेश से बाहर नहीं जाने का हवाला देते हुए हटने की बात कही, जिस पर कैप्टन अजय सिंह यादव ने उनके से उन्हें पद से पृथक किया, ताकि वह विधानसभा में दावेदारी कर कांग्रेस की टिकट प्राप्त विधानसभा चुनाव लड़ ले, जिसकी पुष्टि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव से किया जा सकता है, अब त्रिलोक चंद्र श्रीवास के वह प्रतिद्वंदी जो उनका, सक्रियता, लोकप्रियता और जनाधार से मुकाबला नहीं कर सकते, वह कैप्टन अजय सिंह यादव के हवाले से जारी पत्र को आधार बनाकर यह दुष्प्रचार फैला रहे हैं, कि उन्हें निष्क्रियता के आधार पर हटाया गया है, बल्कि सच्चाई यह है कि त्रिलोक श्रीवास राष्ट्रीय समन्वयक रहते हुए बिहार में तीन बार दौरा किये, पटना में प्रादेशिक अधिवेशन करवाएं, गुजरात चुनाव में वह जिले के प्रभारी रहे, दिल्ली में राष्ट्रीय अधिवेशन सहित अनेक कार्यक्रमों में उन्होंने हिस्सेदारी बहुत ही सक्रियता से किया है, जिसके कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित अनेक नेताओं ने उन्हें समय-समय पर शाबाशी दिया है, बिना यथार्थ की पड़ताल किए सत्यता की जानकारी नहीं रखते हुए, उनके प्रतिद्वंदी जो लोकप्रियता, सक्रियता और जनाधार से त्रिलोक श्रीवास का मुकाबला नहीं कर पाते, वह अब यह दुष्प्रचार करने पर लगे हुए हैं कि कैप्टन अजय सिंह यादव ने उनको निष्क्रियता के आधार पर हटाया है, जारी पत्र पर लिखा हुआ है कि त्रिलोक श्रीवास जी को हटाने के पीछे निष्क्रियता कोई आधार नहीं है, त्रिलोक श्रीवास ने स्वयं से अपना दायित्वों से अपने आप को पृथक करने के अनुरोध पर राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा उन्हें दायित्व से मुक्त किया गया है .