Daldali or Jaljali Mainpat Ek Beautiful Place… ऐसा क्या है कि इस जमीन पर पैर रखते ही उछलने लगते हैं लोग…अजूबा देख दांतों तले दबा लेंगे ऊंगली…!
अंबिकापुर जिले के मैनपाट में प्रकृति के कई रहस्य छिपे हैं. यहां का दलदली क्षेत्र न सिर्फ सैलानियों को अपनी तरफ खींचता है बल्कि वैज्ञानिकों के लिए रिसर्च का विषय भी है. यहां की जमीन पैर रखने पर धंसती है और लोग उछलते हैं.
छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है. दूर-दूर से सैलानी यहां घूमने आते हैं. यहां के अद्भुत नजारे को एक झलक देखने की लालसा हर किसी सैलानी के मन में रहती है. ये सब इसलिए होता है क्योंकि यहां बहुत कुछ अजीब है, सुंदर प्राकृतिक मनोरम पहाड़ियों के बीच बसे इस क्षेत्र में ,हीं पानी उल्टा बहता है, तो कहीं गाड़ी उल्टी चलती है और कहीं जमीन स्पंज की तरह दबती है,
सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर से 45 किलोमीटर दूर ऊंचे पहाड़ पर बसे मैनपाट के दलदली में जमीन गद्दे की तरह उछलती है. ऐसा लगता है मानो ये कोई जम्पिंग लैंड हो. दलदली की जमीन पर पैर रखते ही यहां जमीन किसी स्पंज की तरह धंसने लगती है. सैलानी इस जमीन पर खूब उछलते हैं और एन्जॉय करते हैं.
दलदली के जंपिंग लैंड के बारे में श्रीस मिश्र ने बताया कि ये जगह ज्वालामुखी उद्गम का द्वार है. मिश्र का कहना है कि यहां कई ऐसे संकेत मिलते हैं जो इस क्षेत्र को ज्वालामुखी उद्गम का द्वार साबित करते हैं. वे बताते हैं कि दलदली छोटा नागपुर पठार का हिस्सा है और छोटा नागपुर पठार ज्वालामुखी पठार है. मैनपाट में बहुत सी ऐसी चीजें मिलती हैं जो इसे ज्वालामुखी के पठार से जोड़ती हैं.
आम तौर पर ज्वालामुखी का क्रेटर 300 मीटर का माना जाता है. दलदली का भी औसतन व्यास 300 मीटर ही है. इसके अलावा इसके आसपास की जमीन पर अलग-अलग रंग की मिट्टियों का मिलना भी इसी की तरफ इशारा करता है. दलदली से कुछ ही दूरी पर स्थित जलप्रपात में गर्म लावा बहने से बनी चट्टानें भी मिली हैं.
लेकिन इसके नीचे दबे दलदल की वजह से यह जम्पिंग लैंड बन चुकी है, जो अब सैलानियों को लुभाने का काम करती हैं, भूगोल के जानकार ने भी यह आशंका व्यक्त करते हुए बताया था कि ये ज्वालामुखी से निर्मित पठार है और ज्वालामुखी से निर्मित पठार में ऐसी असामान्य घटनाएं होती हैं.
विज्ञान और भूगोल के अपने तथ्य और तर्क हैं, जिसकी सहायता से काफी हद तक इस रहस्य को समझा जा सकता है. लेकिन सरकार को इसकी वैज्ञानिक प्रमाणिकता साबित करने की दिशा में काम करने की जरूरत है. फिलहाल तो यह कौतूहल का विषय बना हुआ है और सैलानियों के मनोरंजन का बेहतर विकल्प भी. जिस वजह से मैनपाट पर्यटन मानचित्र पर अपना स्थान मजबूत करता जा रहा है.