[सवितर्क न्यूज] शिक्षा के अधिकार (Right To Education) कानून के तहत कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में अध्यापन कराने चालू की गई योजना के तहत इस वर्ष के लिए मिले आवेदनों में ड्रा किया गया। जिसके बाद जिले में 1045 आरक्षित सीट खाली रह गई है।
रायगढ़. शिक्षा के अधिकार (Right To Education) कानून के तहत कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में अध्यापन कराने चालू की गई योजना के तहत इस वर्ष के लिए मिले आवेदनों में ड्रा किया गया। इस बार राज्य स्तर से ड्रा किया गया है जिसके बाद जिले में 1045 आरक्षित सीट खाली रह गई है। इन सीटों केा भरने के लिए विभाग को दोबारा आवेदन लेना पड़ेगा लेकिन इसके लिए उच्च कार्यालय से मार्गदर्शन का इंतजार किया जा रहा है।
शिक्षण सत्र 2020-21 के लिए आरटीई (RTE) पोर्टल में जिले के 357 स्कूलों ने पंजीयन कराते हुए 25 प्रतिशत आरटीई के लिए सीट आरक्षित रखना बताए हैं। पोर्टल में दिए जानकारी के अनुसार जिले के 357 प्राइवेट स्कूलों में करीब 4136 सीट आरक्षित रखा गया था जिसमें भर्ती के लिए कमजोर वर्ग के लोगों से आवेदन मंगाया गया।
जूलाई माह तक आए आवेदन के अनुसार जिले में आरक्षित सीट से कम ३०८२ आवेदन मिले। जिसमें राज्य स्तर पर स्कु्रटनी कर ड्रा निकाला गया। ऐसे स्कूल जहां आरक्षित सीट से अधिक आवेदन थे स्कूलों में प्रवेश देने के लिए ड्रा निकाला गया और ऐसे स्कूल जहां आरक्षित सीट की तुला में कम या बराबर आवेदन आए थे वहां पात्रता के आधार पर प्रवेश दे दिया गया है।
इस प्रकार देखा जाए तो दो दिन पहले ड्रा के बाद किए गए घोषणा के अनुसार जिले में आरटीई के तहत 3082 छात्रों का नाम चयनित किया गया है। 4136 रिक्त सीट की तुलना में 3082 बच्चों को प्रवेश दिया गया है शेष 1054 सीट अभी भी खाली है। तीन साल पहले की स्थिति में रिकार्ड खंगाला जाए तो आरटीई में आरक्षित सीट की तुलना में कई गुना अधिक आवेदन विभाग को मिलता था।
कई बार तो सीट फुल होने के बाद पात्रता रखने वाले लोगों को भी प्रवेश नहीं मिल पाता था दूसरे स्कूल का चयन करना पड़ता था इसके पीछे कारण यह है कि पहले प्रवेश मेला का आयोजन होता था। लेकिन पिछले बार मेला न करने से दो बार आवेदन लेना पड़ा। और इस बार तो कोरोना काल के कारण ऐसे ही प्रवेश मेला का आयोजन संभव नहीं था।
58 आवेदन निरस्त, तो 566 को आबंटन नहीं
इस बार आरटीई के लिए मिले ऑनलाइन आवेदन में राज्य स्तर पर ड्रा किया गया है। ड्रा के पहले शिक्षा विभाग ने जहां विभिन्न कारण से 58 आवेदन को निरस्त किया है तो वहीं दूसरी ओर 566 लोगों को सीट का आबंटन नहीं हो पाया। उक्त आवेदन में विभिन्न प्रकार की कमियां हैं जिसे पूरा न किए जाने के कारण ड्रा में शामिल नहीं किया गया
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