रतनपुर, हरीश माड़वा-देश की आन बान और शान तिरंगे झंडे को जनपद पंचायत कोटा के ग्राम पंचायत सिलदहा आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा 15 अगस्त शाम तक नहीं निकाला गया. सोमवार 16 अगस्त शाम को जब यह खबर लगी कि आंगनबाड़ी केंद्र सिलदहा के द्वारा हमारे देश के तिरंगे को 15 अगस्त से आंगनबाड़ी केंद्र भवन के आंगन में ही छोड़ दिया गया है और सोमवार 16 अगस्त को बारिश और हवा के चलते तिरंगा भी भीग गया है. लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता और सहायिका ने देश की झंडे को सम्मान ही नहीं किया और 16 तारीख रात भर इस झंडे को नहीं निकाला गया. वहीं दूसरी घटना कोटा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत उमरिया में भी सोमवार 16 अगस्त को सुबह तक झंडा लगा रहा. ग्राम पंचायत उमरिया के सरपंच और सचिव को यह भी मालूम नहीं कि तिरंगे झंडे का सम्मान हमें कैसे करना है. इस तिरंगे को हमारे भारत के वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर इसे बचाया और एक-एक बूंद बहाकर देश की रक्षा की. लेकिन जब देश के ही लोग इसे सम्मानित ना करें तो यह बड़ी विडंबना है,ऐसे लोगों पर भारत के संविधान के नियमानुसार कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए जो कि लोगों के लिए एक सबक भी हो.
जनपद कोटा के आंगनबाड़ी केंद्र सिलदहा में 17 अगस्त सुबह तक लहराता रहा तिरंगा… आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भारी लापरवाही
