अंशु टुटेजा ने लाकड़ाऊन नियमों की उड़ रही धज्जियों को लेकर कही सौ फीसदी सही बात.. पढ़े खबर.. जाने उन्होंने क्या कहा
महेंद्र मिश्रा,रायगढ़/ दानवीरों के शहर में जनता त्रस्त उद्योगपती मस्त, यहां दो अलग अलग कानून है, गरीबों के अलग अमीरों के लिए अलग ऐसा क्यों ? शहर के युवा ऊर्जावान भाजपा नेता अंशु टुटेजा ने लाकड़ाऊन नियमों की उड़ रही धज्जियों को लेकर कही सौ फीसदी सही बात.. पढ़े खबर.. जाने उन्होंने क्या कहा रायगढ़ जिले केे युवा भाजपा नेता अंशु टूटेजा ने जिले के वर्तमान स्थिति को जब देखा तो उनसे रहा नहीं गया। उन्होंने अपनी बात रखते हुए बताया कि लॉकडाउन के बीच रायगढ जिले में दो तरह का कानून है एक गरीब लोगों के लिए तो दूसरा अमीरों लोगों के लिए यकीन न हो तो उद्योगों के बसों को ही देख लो, जिन्हें परिचालन की अनुमति 40 प्रतिशत कर्मचारियों को लाने और ले जाने की मिली हुई है लेकिन बसों में 70 से 80 प्रतिशत तक कर्मचारियों को सोशल डिस्टेनसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए ठसाठस भरा जा रहा है। नौकरी जाने का भय और रोजगार छीन जाने के डर से औद्योगिक कर्मचारी न चाहकर भी अपनी जिंदगी को दांव पर लगाएं हुए है।ताज्जुब की बात तो यह है की सोशल डिस्टेंस और कोरोना प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन करने वाले इन बसों को और उद्योगपतियों को रोकने टोकने के लिए एक भी पुलिस की न तो तैनाती है और न ही प्रशासनिक अधिकारी? लिहाजा वे जिंदगियों पर बेख़ौफ़ कोरोना का संकट तो पैदा करेंगे ही और आम पब्लिक पिसाती है।गरीबों पर कानून
सही मायने में लॉक डाउन और कोरोना किसी भी हाल में आम गरीबों के लिए तो कतई नही है। लॉक डाउन पीरियड में घर से बाहर निकले तो पुलिस का डंडा और घर पर रहे तो पेट की आग से तन मन सब जलता है। यदि गलती से पॉजिटिव आ गए और वह भी गंभीर जोन में तो हर उम्मीद खत्म। इस बार तो कोरोना नए खतरनाक स्ट्रेन में है यानी कोई रहम व रियायत नही सीधा ऑन द स्पॉट ऑक्सिजन लेबल पर हमला कर रहा है। पैसा आदमी कितना भी कमा लेगा लेकिन जान है तो जहान है। उद्योगपतियो का दंश आम जनता को भोगना पड़ रहा है यह कहा तक सही है??
मैं जिला प्रशाशन से उम्मीद करता हूं की वो इन उद्योगपतियों के ऊपर कार्यवाही जरूर करेगी और जो नियम सब पे लागू है इनपे भी लागू रखेगी।
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