धधक रहा जंगल, बुझाने में विभाग का छूटा पसीना
कोरबा। महुआ का सीजन प्रारंभ होते ही ग्रामीण इसके संग्रहण के लिए जिले के जंगलों में आग लगा दे रहे हैं जिससे वन संपदा के अलावा वन्य प्राणियों के जीवन को काफी खतरा उत्पन्न हो रहा है। ग्रामीणों द्वारा आग लगाए जाने से जंगल में मौजूद पेड़ झुलस कर सूख जा रहे हैं। वहीं वन्य प्राणी भी इससे बचने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। वन विभाग जंगल में लगे आग को बुझाने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ रहा है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जिले के जंगल इन दिनों धधक रहा है। खासकर कोरबा वनमंडल के बालको रेंज के अजगरबहार व उसके आसपास के जंगलों में आग लगने की घटनाएं कुछ अधिक ही हो रही है। जिसके लिए महुआ तथा आगामी महीने में होने वाले तेंदूपत्ता सीजन को ज्यादा जिम्मेदार माना जा रहा है। क्षेत्र में निवासरत ग्रामीण पेड़ के नीचे पड़े पत्तों में आग लगा दे रहे हैं जिससे वह आगे बढक़र जंगल को भी चपेट में ले रहा है। जंगल में लगी आग को बुझाने तथा देखरेख के लिए वन विभाग द्वारा फायर वाचरों की नियुक्ति की गई है जो वन विभाग के अधिकारियों को आग लगने की सूचना देते हैं जिस पर वन विभाग का अमला तत्काल वहां पहुंचकर इस पर नियंत्रण करने का कार्य करते हैं। इस कार्य में उन्हें काफी पसीना भी बहाना पड़ता है। गत दिनों अजगरबहार सर्किल में कछार, अजगरबहार व अन्य गांवों के जंगलों में भी ऐसे ही आग लगने की घटनाएं घटित हुई।