मैनपाट/सरगुजा। मैनपाट के कंडराजा क्षेत्र में प्रस्तावित बाक्साइट खदान के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा रविवार को जनसुनवाई में खुलकर सामने आया। भारी हंगामे और विरोध प्रदर्शन के बीच अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में जनसुनवाई पूरी की गई, जिसमें कुल 112 लोगों ने अपना पक्ष रखा, जिनमें से 95% लोगों ने बाक्साइट खनन का कड़ा विरोध किया।
हंगामा, टेंट उखाड़ा — विरोध के बीच जनसुनवाई सम्पन्न
कंडराजा में 135 हेक्टेयर जमीन निजी कंपनी मां कुदरगढ़ी एलुमिना लिमिटेड को लीज पर दी गई है।
इसी को लेकर नर्मदापुर में जनसुनवाई बुलाई गई थी।
- बड़ी संख्या में ग्रामीण विरोध में पहुंचे
- नारेबाजी हुई
- टेंट-पंडाल तक उखाड़ दिया गया
- मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया
विरोध और तनावपूर्ण माहौल के बावजूद जनसुनवाई पूरी की गई।
95% लोगों ने कहा— “खदान नहीं चाहिए”
जनसुनवाई में—
- 102 लोगों ने मौखिक रूप से,
- 12 लोगों ने लिखित रूप से
अपना अभिमत दिया।
मौखिक अभिमत देने वालों में 95% ग्रामीण खदान के विरोध में थे।
ग्रामीणों का कहना है—
- कंडराजा हाथी प्रभावित क्षेत्र है
- खनन से नाले-नदियों का उद्गम स्थल प्रभावित होगा
- हाथी और अधिक आक्रामक होंगे
- पर्यावरण और जलस्तर को भारी नुकसान होगा
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत बोले — “मैनपाट को खदानों से सिर्फ विनाश मिला”
जनसुनवाई में पहुंचे पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा—
“मैनपाट पर्यटन की पहचान है। पहले बाल्को ने वर्षों तक बक्साइट निकाला, लेकिन बदले में मैनपाट को सिर्फ गड्ढे और टूटी सड़कें मिलीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि—
- खनन कंपनियों पर ग्रामीणों का भरोसा खत्म हो चुका है
- कंपनियां स्थानीय लोगों को शोषण के साथ कम मजदूरी देती हैं
- विकास की जगह केवल नुकसान हुआ है
क्यों हो रहा इतना विरोध?
- बाल्को द्वारा पहले बड़े पैमाने पर पेड़ काटे गए
- सीएमडीसी की कई खदानें निजी कंपनियां चला रही हैं
- कंपनियां “मनमाने तरीके” से उत्खनन कर रही हैं
- भूमिगत जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है
- स्थानीयों को रोजगार में प्राथमिकता नहीं मिलती
- हाथियों का मूवमेंट और हिंसा बढ़ने का खतरा
सरकार का मॉडल — अधिग्रहण नहीं, फसल क्षति मुआवजा
नई नीति के अनुसार—
- किसानों की जमीन अधिग्रहित नहीं होगी
- जमीन लीज पर दी जाएगी
- किसानों को 80 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर प्रतिवर्ष फसल क्षतिपूर्ति
- उत्खनन के बाद जमीनों को फिर से खेती योग्य बनाकर लौटाने का दावा
- स्वामित्व किसानों के पास ही रहेगा
लेकिन ग्रामीण इस मॉडल पर भी भरोसा नहीं जता रहे।
अपर कलेक्टर बोले — “निर्णय गुण-दोष के आधार पर होगा, बहुमत पर नहीं”
अपर कलेक्टर सुनील नायक ने कहा—
“जनसुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। निर्णय बहुमत नहीं, बल्कि गुण-दोष के आधार पर लिया जाएगा। सभी औपचारिकताएँ पूरी की गई हैं।”

