मुंगेली— छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जिला अध्यक्षों की नियुक्ति सूची जारी होने के बाद मुंगेली जिले में राजनीतिक तापमान अचानक बढ़ गया है। जारी सूची में घनश्याम वर्मा का नाम एक बार फिर से जिला अध्यक्ष के रूप में शामिल किया गया है। इस निर्णय के बाद पार्टी के कई कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ती नज़र आ रही है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के मकसद से एआईसीसी के मार्गदर्शन में जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया बीते दिनों संपन्न हुई। इस दौरान पर्यवेक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर दावेदारों से आवेदन लिए और स्थानीय कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रायशुमारी भी की थी। इसी के आधार पर प्रदेश नेतृत्व ने संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया।
कार्यकर्ताओं में बढ़ती असंतुष्टि
सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही यह जानकारी सामने आई कि मुंगेली जिले की कमान एक बार फिर से घनश्याम वर्मा को सौंपी जा रही है, कई कार्यकर्ताओं में असंतोष की आवाज़ें उठने लगीं। उनका कहना है कि लगातार एक ही व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपे जाने से संगठन में नए लोगों को आगे बढ़ने का अवसर नहीं मिल पा रहा।
कई युवा कार्यकर्ताओं ने यहां तक आरोप लगाया है कि इससे जिले में आंतरिक लोकतंत्र कमजोर होगा और संगठन के भीतर एकतरफा नेतृत्व स्थापित होने का खतरा पैदा हो सकता है। कुछ स्थानीय नेताओं ने अपनी नाराजगी प्रदेश नेतृत्व तक पहुंचाने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगें
नाराज कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व के समक्ष मांगें रखी हैं जिसमें जिला संगठन में नए और सक्षम चेहरों को आगे बढ़ाया जाए, घनश्याम वर्मा के पिछले कार्यकाल की समीक्षा की जाए,पार्टी में निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ नेतृत्व चयन हो,
स्थानीय कार्यकर्ताओं की राय को अधिक महत्व दिया जाए।
वर्मा समर्थकों ने दिया जवाब
हालांकि, जिले में घनश्याम वर्मा के समर्थक इस निर्णय को संगठन के हित में बताते हुए खुशी जता रहे हैं। उनका तर्क है कि वर्मा के अनुभव और पुराने नेटवर्क के चलते आगामी चुनावों में कांग्रेस को मजबूत लाभ मिल सकता है। उनका कहना है कि वर्मा ने अपने पिछले कार्यकाल में संगठन विस्तार और बूथ स्तर तक मजबूती बनाने का कार्य किया है, जिसे आगे बढ़ाना आवश्यक है।
संगठन की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब नजरें प्रदेश नेतृत्व की अगली रणनीति पर टिकी हैं। क्या पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी को गंभीरता से लेकर कोई नया निर्णय लेगी? या फिर पुराने नेतृत्व को ही आगे बढ़ाते हुए संगठन को एकजुट करने की कोशिश करेगी? आने वाले दिनों में स्थिति और स्पष्ट होने की उम्मीद है। मुंगेली जिले की कांग्रेस राजनीति में यह बदलाव आगे क्या मोड़ लेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल जिले का सियासी माहौल पूरी तरह गर्म हो गया है।

