पीड़ित पक्ष कार्रवाई का इंतजार कर रहा, लेकिन महिला आयोग सदस्याएं मीडिया में व्यस्त।
रायपुर/25 नवंबर 2025/ महिला आयोग की सदस्याओं द्वारा आए दिन मीडिया बुलाकर तमाशा किया जा रहा है, जबकि इनके खिलाफ भी शिकायत दर्ज है, जिसकी कार्यवाही अभी महिला एवं बाल विकास विभाग में लंबित है।
सच्चाई यही है कि श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया एवं श्रीमती दीपिका शोरी पर भी गंभीर आरोप लगे हैं और पीड़ित पक्ष महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कार्यवाही का इंतजार कर रहा है। इसके बावजूद श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया एवं श्रीमती दीपिका शोरी द्वारा जानबूझकर बार-बार मीडिया बुलाकर अनर्गल आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं।
महिला आयोग में असली मुद्दा भाजपा कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही का है, जिसे श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया एवं श्रीमती दीपिका शोरी स्वीकार नहीं कर रही थीं। इसलिए पहले मौखिक रूप से बहिष्कार का नाटक किया गया, बाद में महिला आयोग अध्यक्ष को बदनाम करने की कोशिश की गई, और फिर भी जब संतोष नहीं हुआ तो आयोग के सचिव से लेकर चपरासी तक सभी कर्मचारियों को डराया-धमकाया गया और प्रताड़ित किया गया।
असली मसला यही है कि श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया एवं श्रीमती दीपिका शोरी द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग में झूठी शिकायत की गई और पलटकर इनके खिलाफ कुल मिलाकर 7 आवेदन महिला एवं बाल विकास विभाग में प्रस्तुत किए गए हैं।
तो आखिर श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया एवं श्रीमती दीपिका शोरी को इतनी हड़बड़ी किस बात की है? जब दोनों पक्षों का मामला महिला एवं बाल विकास विभाग में लंबित है, तो थोड़ा इंतजार कर लेते — दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता।
हम इस हताशा को क्या कहें?
सदस्याएं खुद भाजपा की नेता हैं — राज्य में भाजपा की सरकार, केंद्र में भाजपा की सरकार — फिर भी आए दिन मीडिया में तमाशा किया जा रहा है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया एवं श्रीमती दीपिका शोरी को अपनी ही सरकार पर भरोसा नहीं है, इसलिए इस तरह की हरकतें करते हुए नजर आ रही हैं।
अंत में एक सलाह —
श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया एवं श्रीमती दीपिका शोरी, थोड़ा सब्र कीजिए। अपनी सरकार और प्रक्रिया पर भरोसा कीजिए। इस तरह मौखिक रूप से अनर्गल बातें ना करें।
यदि सचमुच पीड़ित महिलाओं को भाजपा कार्यकर्ताओं से इंसाफ दिलाने में तकलीफ होती है तो लिखित में सुनवाई का बहिष्कार कीजिए — खाली मौखिक ढोंग करना बंद कीजिए।
प्रेस विज्ञप्ति के साथ संलग्न दस्तावेज:-
- महिला बाल विकास विभाग द्वारा संज्ञान में लिया गया वह पत्र।
- माननीय अध्यक्ष जी के निज सहायक द्वारा किए गए शिकायत का पत्र।
- आयोग कर्मचारियों द्वारा किए गए शिकायत का पत्र
- वकील द्वारा मानहानि नोटिस का पत्र
- आयोग के काउंसलर द्वारा शिकायत का पत्र
6.

