सुकमा में बड़ा सरेंडर: 48 लाख के इनामी 15 नक्सलियों ने पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण, 5 महिला नक्सली भी शामिल

राजेंद्र देवांगन
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सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में शनिवार को पुलिस के सामने नक्सलियों का एक बड़ा समूह आत्मसमर्पण के लिए पहुंचा। कुल 15 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया है। इनमें 5 महिला नक्सली भी शामिल हैं। सरेंडर करने वाले इन नक्सलियों पर कुल 48 लाख रुपए का इनाम घोषित था।

जानकारी के मुताबिक, 24 नवंबर को इन सभी नक्सलियों ने सुकमा पुलिस के समक्ष हथियार डाल दिए। सरेंडर करने वालों में संगठन के ऊंचे पदों पर सक्रिय सदस्य भी शामिल हैं। इनमें 4 PPCM, 2 ACM, 3 PM समेत कई अन्य संगठन से जुड़े सदस्य हैं। सरेंडर किए नक्सलियों में से चार बटालियन नंबर 1 के सक्रिय सदस्य थे, जिनकी पुलिस लंबे समय से तलाश कर रही थी।

पुलिस के अनुसार, 4 नक्सलियों पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वहीं 2 नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपये का, 1 पर 3 लाख, 1 पर 2 लाख और 1 पर 1 लाख रूपए का इनाम था। बाकी सरेंडर करने वाले मिलिशिया सदस्य हैं जो कई वर्षों से माओवाद संगठन के लिए काम कर रहे थे।

सुकमा SP किरण चव्हाण ने बताया कि सभी नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। उन्होंने संगठन में सक्रिय अन्य नक्सलियों से भी अपील की है कि वे हिंसा छोड़कर समाज और परिवार के साथ सम्मानजनक जीवन जीने के लिए मुख्यधारा में लौट आएं।

सरेंडर करने वाले नक्सलियों की सूची:

  1. माड़वी सन्ना – PPCM, 8 लाख इनामी
  2. सोड़ी हिड़मे – PPCM, 8 लाख इनामी
  3. सूर्यम उर्फ रव्वा – PPCM, 8 लाख इनामी
  4. मीना उर्फ माड़वी भीमे – PPCM, 8 लाख इनामी
  5. सुनीता – ACM, 5 लाख इनामी
  6. मड़कम पांडू – ACM, 5 लाख इनामी
  7. कुंजाम सिंगा – LOS, 3 लाख इनामी
  8. माड़वी सोमडी – RPC KAMS अध्यक्ष, 2 लाख इनामी
  9. चिलका उर्फ माड़वी पोज्जे – 1 लाख इनामी
  10. नुप्पो बुधरा – मिलिशिया सदस्य
  11. नुप्पो भीमा – मिलिशिया सदस्य
  12. मड़कम सुक्का – मिलिशिया सदस्य
  13. पोड़ियाम जोगा – मिलिशिया सदस्य
  14. पोड़ियाम लखमा – मिलिशिया सदस्य
  15. कोवासी हिड़मा – मिलिशिया सदस्य

सुकमा में यह सरेंडर सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जिससे क्षेत्र में शांति स्थापित करने के प्रयासों को मजबूती मिलेगी।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)