बिलासपुर। धान खरीदी सीजन शुरू होने से पहले ही राज्य सरकार के लिए चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। सहकारी समिति कर्मचारी संघ मर्यादित के कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। बिलासपुर समेत पूरे संभाग में कर्मचारी आंदोलनरत हैं और स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
कर्मचारियों में सरकार के प्रति जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि वर्षों से सेवा देने के बावजूद उन्हें पेंशन, स्थायीकरण और वेतनमान जैसे बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा गया है।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा, “जब एक बार विधायक और सांसद बनने के बाद उन्हें आजीवन पेंशन का लाभ दिया जा सकता है, तो कर्मचारियों को क्यों नहीं?” — यह सवाल कर्मचारियों के बीच गूंज बन चुका है।
हड़ताल के चलते आगामी दिनों में धान खरीदी व्यवस्था पर असर पड़ना तय माना जा रहा है, क्योंकि सहकारी समितियों के कर्मचारी ही धान खरीदी केंद्रों का संचालन करते हैं। अगर आंदोलन लंबा खिंचता है, तो किसानों को धान बेचने में दिक्कतें हो सकती हैं।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं —
- पेंशन योजना की बहाली
- स्थायीकरण और नियमितीकरण
- वेतनमान में समानता
- सेवा नियमों में सुधार
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। कर्मचारियों ने कहा है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन को राज्यव्यापी स्वरूप दिया जाएगा।
धान खरीदी से ठीक पहले इस हड़ताल ने सरकार और किसानों दोनों की नींद उड़ाई है। अब देखना होगा कि सरकार बातचीत से समाधान निकालती है या फिर इस आंदोलन के कारण खरीदी व्यवस्था पर संकट गहराता है।

