प्रकृति के बीच वन्यजीवों की रंगीन दुनिया
बिलासपुर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित कानन पेंडारी चिड़ियाघर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा और शानदार ज़ू माना जाता है। यह स्थान वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र है, जहां तरह-तरह के पक्षी और जंगली जानवरों को देखने का अवसर मिलता है।
यहां तक पहुंचना भी आसान है — आप बस, ट्रेन या हवाई मार्ग से बिलासपुर पहुंच सकते हैं। बिलासपुर रेलवे स्टेशन इस ज़ू के सबसे नज़दीक स्थित है।





281 एकड़ में फैला प्राकृतिक संसार
करीब 281 एकड़ क्षेत्र में फैला कानन पेंडारी ज़ू, 50 से अधिक प्रजातियों के वन्यजीवों का घर है। यहां भारतीय और विदेशी दोनों तरह के दुर्लभ जीव-जंतु देखने को मिलते हैं।
यह सिर्फ मनोरंजन का स्थान नहीं, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और जनजागरूकता का भी एक सशक्त केंद्र है।

बाघ, शेर, हाथी और मगरमच्छ – सब एक ही जगह
कानन पेंडारी ज़ू में आपको बाघ, शेर, तेंदुआ, हाथी, दरियाई घोड़ा, भालू, मगरमच्छ और सांप जैसे अनेक जंगली जानवर उनके प्राकृतिक आवास जैसे माहौल में देखने को मिलते हैं।
बच्चों के लिए यह जगह शैक्षणिक और रोमांचक अनुभव का संगम है, जहां वे प्रकृति और जीव-जंतुओं के बारे में प्रत्यक्ष रूप से सीख सकते हैं।

पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग
यह चिड़ियाघर पक्षी प्रेमियों के लिए भी किसी स्वर्ग से कम नहीं।
यहां तोते, मोर, हॉर्नबिल और अन्य दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं। पक्षी अभयारण्य की चहचहाहट और हरियाली पर्यटकों को प्रकृति की गोद में खो जाने का अहसास कराती है।
संरक्षण और जागरूकता का मिशन
कानन पेंडारी का मुख्य उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि वन्यजीवों के संरक्षण और लोगों में जागरूकता फैलाना है।
प्रबंधन द्वारा समय-समय पर वन्यजीव संरक्षण से जुड़े कार्यक्रम और स्कूली बच्चों के लिए शिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं, ताकि समाज में जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाई जा सके।
खुलने का समय और अन्य जानकारी
चिड़ियाघर सप्ताह में छह दिन पर्यटकों के लिए खुला रहता है, जबकि सोमवार को बंद रखा जाता है।
समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक।
यह समय पर्यटकों की सुविधा और जानवरों की दिनचर्या को ध्यान में रखकर तय किया गया है।
कुल मिलाकर — बिलासपुर की प्राकृतिक धरोहर
कुल मिलाकर, कानन पेंडारी चिड़ियाघर छत्तीसगढ़ की एक अद्भुत प्राकृतिक धरोहर है।
यहां आकर आप न केवल वन्यजीवों की विविधता का आनंद ले सकते हैं, बल्कि प्रकृति संरक्षण के महत्व को भी समझ सकते हैं।
अगर आप बिलासपुर या उसके आसपास हैं, तो कानन पेंडारी की सैर जरूर करें — यह अनुभव आपको लंबे समय तक याद रहेगा।

