उप संचालक कृषि अधिकारी पर अभद्र व्यवहार और दबावपूर्ण कार्य कराने का आरोप, कृषि मंत्री को सौंपा गया ज्ञापन

Jagdish Dewangan
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जिले के कृषि अधिकारियों और कर्मचारियों ने कहा – अब और नहीं सहेंगे अपमान, कार्रवाई नहीं हुई तो होगा आंदोलन

मुंगेली— जिले के कृषि विभाग में उप संचालक स्तर के एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगने से विभाग में हड़कंप की स्थिति है। उप संचालक कृषि अधिकारी एम.आर. तिग्गा के खिलाफ कृषि विभाग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से कृषि मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन रायपुर को ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में उप संचालक पर अमर्यादित व्यवहार, महिला कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी, गाली-गलौच, और दबावपूर्ण कार्य कराने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

01 अक्टूबर को हुई घटना बनी विरोध का कारण

ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि 01 अक्टूबर 2025 को विभागीय अधिकारीगण अपनी समस्याओं को लेकर उप संचालक से मिलने पहुंचे थे, परंतु समस्याओं को सुनने के बजाय कृषि अधिकारी तिग्गा ने अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कर्मचारियों के साथ अत्यंत अभद्र व्यवहार किया। बताया गया कि उप संचालक ने सभी के सामने अधिकारियों को गाली-गलौच और धमकी भरे शब्दों से अपमानित किया, जिससे पूरा स्टाफ मानसिक रूप से आहत हुआ।

पहले भी की गई थी शिकायत, नहीं हुआ सुधार

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी 03 जनवरी 2025 को इसी प्रकार की हरकत की शिकायत कलेक्टर मुंगेली से की गई थी, परंतु उच्च अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से उप संचालक का व्यवहार और अधिक आक्रामक और अमर्यादित होता जा रहा है।

महिला कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक व्यवहार

ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि उप संचालक द्वारा महिला कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक भाषा और व्यक्तिगत टिप्पणियाँ की जाती हैं। एक महिला कर्मचारी को तो उस समय कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया जब वह भोजन अवकाश में अपने शिशु को स्तनपान कराने गई थी। इससे विभाग की महिला कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने इसे मानवता और गरिमा के खिलाफ कार्य बताया है।

शासकीय नियमों की अनदेखी के आरोप

कर्मचारियों ने उप संचालक पर कई प्रशासनिक गड़बड़ियों के आरोप भी लगाए हैं। उनका कहना है कि उप संचालक तिग्गा लिपिक वर्गीय कर्मचारियों से नियम विरुद्ध कार्य करवाते हैं। इसके साथ ही शासकीय वाहन का निजी उपयोग, शासकीय राशि से निजी वाहन की मरम्मत और पेट्रोल भरवाने जैसी गतिविधियाँ भी नियमित रूप से की जाती हैं।
इसके अलावा विभाग में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कंप्यूटर ऑपरेटरों को बिना कारण कार्य से हटाने के निर्देश दिए जा रहे हैं, जिससे विभागीय कामकाज प्रभावित हो रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि इस प्रकार के आदेशों से विभाग का माहौल तनावपूर्ण और भयभीत करने वाला बन गया है।

“दिल्ली तक चले जाओ, कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता” – उप संचालक का कथन

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि उप संचालक ने कर्मचारियों को धमकाने के अंदाज में कहा कि “जिसके पास जाना है चले जाओ, दिल्ली तक चले जाओ, कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।” इस कथन ने पूरे विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में भय और असंतोष का माहौल बना दिया है।

कर्मचारियों की चेतावनी – नहीं हुई कार्रवाई तो आंदोलन होगा

अधिकारियों और कर्मचारियों ने ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी दी है कि यदि उप संचालक कृषि एम.आर. तिग्गा के विरुद्ध शीघ्र स्थानांतरण और अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई, तो जिले के समस्त कृषि अधिकारी और कर्मचारी कार्य बहिष्कार एवं आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि इस स्थिति की सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

कर्मचारियों में गहरा रोष, विभागीय कार्य प्रभावित

सूत्रों के अनुसार, विभाग के अनेक कर्मचारियों ने अब उप संचालक के साथ कार्य करने से इंकार करने की स्थिति में पहुँच गए हैं। कार्यालय का वातावरण असहज और तनावपूर्ण बताया जा रहा है। कर्मचारी संगठनों ने भी इस मामले में महिला सम्मान और कर्मचारी गरिमा की रक्षा को लेकर कृषि मंत्री से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

शासन स्तर पर हो सकती है जांच

इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए, माना जा रहा है कि कृषि विभाग का यह विवाद अब राज्य स्तर तक पहुँच गया है। कृषि मंत्री के पास ज्ञापन पहुँचने के बाद संभव है कि शासन स्तर पर इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच के आदेश दिए जाएँ।

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