नगर पालिका मुंगेली के अधिकारी-कर्मचारियों की उदासीनता – शहर के वार्ड अंधेरे में डूबे

Jagdish Dewangan
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मुंगेली— नगर पालिका मुंगेली के कार्यप्रणाली पर इन दिनों गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। शहर के अधिकांश वार्डों में सड़क लाइटें महीनों से बंद पड़ी हुई हैं। खंभों पर लगे बल्ब खराब हो चुके हैं या कई जगहों पर लाइटें लगाई ही नहीं गई हैं। इसके बावजूद नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने के बजाय उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। वार्डवासियों का कहना है कि कई बार शिकायत दर्ज कराने के बावजूद भी न तो मरम्मत कार्य कराया जा रहा है और न ही नए बल्ब लगाए जा रहे हैं। परिणामस्वरूप मोहल्लों और गलियों में गहरा अंधेरा छाया रहता है। इसका सबसे ज्यादा असर आम लोगों की सुरक्षा और बच्चों-बुजुर्गों के आवागमन पर पड़ रहा है। विगत दिनों काली माई वार्ड के लोगों ने नगर पालिका कार्यालय पहुँचकर खंभों में लाइट लगाने और खराब लाइटों की मरम्मत करने की मांग की थी। मौके पर मौजूद अधिकारी ने “काम अधिक होने” का हवाला देकर तत्काल कार्य करने से मना कर दिया। लेकिन पूरे नवरात्र पर्व के दौरान भी वार्ड अंधेरे में डूबा रहा, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। सबसे हैरानी की बात यह है कि काली माई वार्ड वही इलाका है, जहाँ भाजपा जिला अध्यक्ष दीनानाथ केशरवानी का निवास भी है। ऐसे महत्वपूर्ण वार्ड में भी नगर पालिका ने लाइट मरम्मत को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। इससे साफ जाहिर होता है कि बाकी वार्डों की स्थिति कितनी बदतर होगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि अंधेरे के कारण आए दिन छोटे-मोटे हादसे हो रहे हैं। खासकर महिलाओं और छात्राओं के लिए यह स्थिति असुरक्षा की भावना को बढ़ा रही है। अंधेरे का फायदा उठाकर असामाजिक तत्वों की गतिविधियाँ भी तेज हो सकती हैं। इसके बावजूद नगर पालिका प्रशासन का मौन रहना जनता के साथ अन्याय है। नगरवासियों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि नगर पालिका मुंगेली के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों को तत्काल निर्देशित किया जाए कि सभी वार्डों में खंभों की लाइटें लगाई जाएं और खराब लाइटों की मरम्मत शीघ्र की जाए।

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