बस्तर में जवानों की आत्महत्या का सिलसिला जारी, छुट्टी और मानसिक दबाव बड़ी वजह
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से एक बार फिर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) जवान की खुदकुशी की खबर आई है।
जानकारी के अनुसार, 219वीं बटालियन में पदस्थ जवान निलेश कुमार गर्ग (मध्य प्रदेश निवासी) ने सोमवार रात करीब 10:30 बजे अपनी सर्विस राइफल से गोली मारकर जान दे दी।
घटना स्थल से 6 पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ है। हालांकि, उसमें क्या लिखा है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
इससे पहले भी कई जवानों ने की खुदकुशी
- 16 दिन पहले सुकमा में ही बिहार के रहने वाले एक जवान ने छुट्टी से लौटने के बाद खुद को गोली मार ली थी।
- 30 जुलाई को बीजापुर जिले के नैमेड़ थाना क्षेत्र में तैनात 22वीं बटालियन के जवान पप्पू यादव (भोजपुर, बिहार निवासी) ने अपनी सर्विस राइफल से गले पर गोली मार ली थी। वह घटना से ठीक एक दिन पहले ही छुट्टी से लौटा था।
छुट्टी और मानसिक दबाव बना जानलेवा
बस्तर में तैनात जवानों की आत्महत्या के पीछे मुख्य वजह छुट्टी से जुड़ी समस्याएं बताई जाती हैं।
- कई जवान छुट्टी न मिलने से तनाव में रहते हैं।
- वहीं कुछ जवान छुट्टी से लौटने के बाद पारिवारिक कलह या निजी तनाव के कारण खुदकुशी कर लेते हैं।
- अफसरों और जवानों के बीच कम्युनिकेशन गैप भी एक बड़ी समस्या है।
- कई बार जवानों के बीच आपसी विवाद या मजाक भी गंभीर नतीजों तक पहुंच जाते हैं।
आंकड़े चौंकाने वाले
- 2011 से 2023 तक 1,532 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) जवानों ने आत्महत्या की है।
- 2020 में CAPF में 3,584 जवान मानसिक रोगी थे, जो 2022 में बढ़कर 4,940 हो गए।
- पिछले 5 वर्षों में 46,960 कर्मियों ने फोर्स की नौकरी छोड़ी।
- गृह मंत्रालय द्वारा गठित टास्क फोर्स की रिपोर्ट में खुलासा – 80% आत्महत्याएं छुट्टी से लौटने के बाद हुईं।