रायपुर, छत्तीसगढ़ में 660 करोड़ रुपये के मेडिकल घोटाले ने राज्य की नौकरशाही को हिला कर रख दिया है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) से जुड़े इस महाघोटाले में अब बड़े अफसरों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने जांच के दौरान 6 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्रों के अनुसार यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो उनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही है।
पहले ही जेल में बंद हैं 5 अफसर
इस केस में शशांक चोपड़ा समेत बसंत कुमार कौशिक, छिरोद रौतिया, कमलकांत पाटनवार, डॉ. अनिल परसाई और दीपक कुमार बंधे को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इनके खिलाफ 18 हजार पन्नों की चार्जशीट अदालत में पेश की गई है।
ED का बड़ा एक्शन, कई जगह छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में आरोपियों और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी कर अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए हैं। अब ED जेल में बंद आरोपियों से भी पूछताछ करने की तैयारी में है, जिसके लिए विशेष न्यायालय की अनुमति मांगी जाएगी।
कैसे हुआ घोटाला?
जांच में सामने आया है कि CGMSC के अधिकारियों ने 27 दिनों के भीतर लगभग 750 करोड़ रुपये के ऑर्डर मोक्षित कॉर्पोरेशन को दिए। इन ऑर्डरों में जरूरी सामान की बजाय ऐसे उपकरण और मेडिकल किट खरीदी गई, जिनकी तत्काल आवश्यकता नहीं थी।
मोक्षित कॉर्पोरेशन और श्री शारदा इंडस्ट्रीज ने टेंडर प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा कर केवल अपने लिए टेंडर पास करवाए
राजनीतिक जंग तेज
इस घोटाले पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर द्वारा की गई शिकायत के बाद शुरू हुई जांच अब बड़े अफसरों की गिरफ्तारी की ओर बढ़ रही है। भाजपा सरकार पर कार्रवाई में ढिलाई का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस इसे विपक्ष की साजिश बता रही है।
जल्द होगी IAS अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई!
सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में IAS स्तर के अधिकारियों की गिरफ्तारी संभव है। छत्तीसगढ़ की नौकरशाही में इस घोटाले को लेकर हड़कंप मचा हुआ है।