कोंडागांव में जंगल के रास्ते ओडिशा बॉर्डर तक पहुंचाई जा रही….

राजेंद्र देवांगन
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कोंडागांव जिले में गाय तस्करी का नया रास्ता सामने आया है। तस्कर जंगलों और छोटे रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भोंगापाल, फरसगांव और बड़े राजपुर होते हुए ओडिशा बॉर्डर तक गायों को पहुंचाया जा रहा है।

भोंगापाल गांव नारायणपुर और कांकेर जिलों की सीमा पर स्थित है। घने जंगलों का फायदा उठाकर तस्कर गायों को छिपाकर ले जाते हैं। सतर्कता से बचने के लिए वे अपने रूट बदलते रहते हैं। कभी केशकाल से विश्रामपुर, तो कभी नारायणपुर और बायनार के जंगलों से होकर मृदापाल के रास्ते नेशनल हाईवे पार करते हैं। मोहलाई और मुंगापदर के जंगलों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

ग्रामीणों से कम पैसों में गायों की खरीदी

तस्कर झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हैदराबाद से आते हैं। वे अपनी पहचान छिपाकर स्थानीय ग्रामीणों को लालच देकर अपने काम में लगाते हैं। ग्रामीणों से कम पैसों में गायें खरीदते हैं। उन्हें झूठ बोलते हैं कि गायें पालन के लिए बाजार ले जा रहे हैं। लेकिन वास्तव में इन्हें वध के लिए ले जाया जाता है। गायों को जंगलों से कई किलोमीटर तक पैदल चलाया जाता है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता यतिंद्र छोटू सलाम ने क्षेत्र के ग्रामीणों और युवाओं से अपील की है। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियों की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाना, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल या सामाजिक संगठनों को दें।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)