भिलाई: महादेव सट्टा एप से जुड़े म्यूल अकाउंट मामले में पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया
भिलाई शहर के वैशाली नगर में पुलिस ने महादेव सट्टा एप से जुड़े म्यूल अकाउंट घोटाले का बड़ा खुलासा करते हुए 11 आरोपियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। इनमें तीन मुख्य सट्टा संचालक और आठ म्यूल अकाउंट धारक शामिल हैं। पुलिस ने इससे पहले इस मामले में एक महिला को भी हिरासत में लिया था।
पुलिस प्रवक्ता पद्मश्री तंवर के अनुसार, बिहार के नालंदा जिले के राजगीर थाना क्षेत्र निवासी आरोपी नीतीश कुमार ने भिलाई और दुर्ग क्षेत्र के लोगों से 20,000 रुपए में बैंक खाते खरीदे थे। गैरकानूनी तरीकों से इन खातों का उपयोग वह सट्टेबाजी के लिए कर रहा था। जांच में सामने आया कि डीटीडीसी कूरियर के जरिए ये म्यूल अकाउंट्स सक्रिय किए जा रहे थे।
पुलिस ने आरोपियों के पास से कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है, साथ ही 3 लैपटॉप, 3 मोबाइल फोन, एक थार गाड़ी, 9 एटीएम कार्ड, 8 पासपोर्ट, 2 चेकबुक और बैंक पासबुक शामिल हैं।
गिरफ्तार आरोपी:
1. नीतीश कुमार (राजगीर, नालंदा, बिहार)
2. ओमप्रकाश केशवानी (वैशाली नगर, भिलाई)
3. पी. जय कुमार (कैंप-1, स्टील नगर)
4. नीतेश प्रताप सिंह (नेहरू चौक, कैंप-1, छावनी)
5. मनमीत सिंह (कॉन्ट्रैक्टर कॉलोनी, सुपेला)
6. बी. मोहन (स्टील नगर, कैंप-1)
7. गोपाल निर्मलकर (इंदिरा नगर, सुपेला)
8. सचिन (आंबेडकर नगर)
9. गगनदीप सिंह (42 स्ट्रीट 2, वैशाली नगर)
10. बी. कार्तिक (कैंप 18 नंबर रोड, अतुल प्रोविजन के पास)
11. सूरज कुमार कुशे (नेहरू भवन रोड, सुपेला)
12. भीखम साहू (अर्जुन नगर, भिलाई)
सट्टा संचालन के लिए बनाए थे फर्जी पैनल
पूछताछ के दौरान नीतीश कुमार ने कबूला कि उसने “लोटस”, “बप्पा”, “रामजनो” और “गोविंदा” नाम के कई फर्जी पैनल बनाकर ऑनलाइन सट्टा चलाया और गैरकानूनी काम किए है। पुलिस को यह भी पता चला है कि सट्टा गिरोह ने छत्तीसगढ़ और देहरादून के बीच एक मजबूत नेटवर्क तैयार किया था। मोनू और नीतीश जैसे लोग बैंक खाते खरीदकर उनका इस्तेमाल अवैध सट्टेबाजी कालाबाजारी के लिए करते थे।
पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और संभावना है कि इस रैकेट से जुड़े और भी लोगों की जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है।
सवाल सरकार ने क्यों नहीं किया ऐसे एप को बंद
बीते दिनों से ही सट्टा कालाबाजारी और गैरकानूनी अपराध बढ़ते जा रही है प्रश्न यह है कि अब तक महादेव एप और ऐसे अन्य गैरकानूनी अपराध वाले ऐप पर रोक क्यों नहीं लगी है कुछ मंत्री नेता पर भी कार्यवाही हो चुकी है फिर भी ये ऐप अभी में जनता के बीच चल रहा है ये कब बंद होगा ?
कब पूरी तरह रोक लगेगी?