बिरगांव में फल विक्रेता पर दिनदहाड़े हमला, पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल

राजेन्द्र देवांगन
3 Min Read

राजधानी रायपुर के बिरगांव नगर निगम का शुक्रवार 30 मई 2025 को दोपहर के समय अपराधियों के हौसले सातवें आसमान पर नजर आए, जब एक फल विक्रेता पर खुलेआम हमला कर दिया गया। यह घटना बुधवारी बाजार के पास करीब 2 बजे हुई, जहां फुटपाथ पर ठेले में फल बेच रहे सुरेंद्र गुप्ता पर एक युवक ने धारदार हथियार से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर उसे लहुलुहान कर दिया।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हमलावर की पहचान राहुल भुंकार (उम्र 25 वर्ष) के रूप में हुई है, जो इलाके में आपराधिक गतिविधियों के लिए बदनाम है। पहले भी अन्य मामले मे राहुल पर उरला थाना में केस दर्ज कराया गया है। इस बार हर ही हो गई राहुल ने सुरेंद्र से शराब के लिए पैसे मांगे थे। जब सुरेंद्र ने देने से मना किया तो दोनों में कहासुनी हो गई और बात बढ़ते-बढ़ते हिंसा में बदल गई। आरोपी ने अचानक सुरेंद्र पर हमला कर दिया, जिससे उन्हें चेहरे और हाथ में गंभीर चोटें आईं और अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया, इस दौरान एक राहगीर, जो बचाव के लिए आगे आया था, वह भी घायल हुआ उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


हमले के तुरंत बाद सुरेंद्र घायल अवस्था में उरला थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस की इस उदासीनता का परिणाम यह हुआ कि आरोपी शाम करीब 5 बजे फिर से घटनास्थल पर लौटा और पीड़ित से मारपीट करते हुए करीब ₹3000 नकद लूटकर फरार हो गया।

लोगों में गुस्सा, पुलिस पर सवाल इलाके में लगातार हो रहे अपराधों और पुलिस की निष्क्रियता से जनता में भारी आक्रोश है। स्थानीय दुकानदारों और निवासियों का कहना है कि असामाजिक तत्वों को किसी का डर नहीं रह गया है और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। उरला थाना में जब भी किसी मामले केस दर्ज कराने के लिए जाते है मामले को थाने से निपटारा करने के लिए कहा जाता है और यह भी आरोप है कि थाने में लेन देन कर केस को दबाया जाता है।

सख्त कार्रवाई की मांग
इलाके के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी राहुल भुंकार को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उस पर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए, ताकि ऐसे अपराधियों में कानून का भय पैदा हो और आम नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।

जब रक्षक ही बन जाए भक्षक
लोगों का कहना है कि उरला थाने में लंबे समय से प्रकरणों को लेन देन कर निपटारा किया जा रहा है यहां आय दिन मार पीट चाकू बजी लुट पाट होते है पर केस नहीं लिखा जाता है थाने से समझौता कराया जाता है या तो लेन देन कर मामले को दबाया जाता है ऐसे में पीड़ित प्रार्थी कहा जाएंगे?

Share this Article