मुरैना: संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मरीज परेशान

Babita Sharma
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मुरैना, 27 अप्रैल 2025: मुरैना जिला अस्पताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल रविवार को भी जारी रही। इससे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं, और मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्वास्थ्य सेवाओं पर असर

  • ओपीडी में अव्यवस्था: रोजाना 300-400 मरीजों की ओपीडी वाले अस्पताल में मरीजों की देखभाल के लिए कोई कर्मचारी नहीं है। इमरजेंसी, सर्जिकल, और मेडिकल वार्डों में सेवाएं लगभग बंद हैं।
  • दवाइयों की किल्लत: डॉक्टरों द्वारा लिखी दवाइयां मरीजों को नहीं मिल रही हैं, जिससे उन्हें निजी मेडिकल स्टोर्स का सहारा लेना पड़ रहा है।
  • गंभीर मरीजों का हाल: दुर्घटना के मामलों में प्राथमिक उपचार के बाद अधिकांश मरीजों को देखभाल की कमी के कारण ग्वालियर रेफर किया जा रहा है।

गर्मी ने बढ़ाई मुश्किलें

गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन, बुखार, और उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। भर्ती मरीजों को ड्रिप लगाने या नियमित देखभाल के लिए कोई कर्मचारी उपलब्ध नहीं है। कई मरीज निजी अस्पतालों की ओर रुख करने को मजबूर हैं, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

हड़ताल का कारण

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर 22 अप्रैल 2025 से हड़ताल पर हैं। प्रमुख मांगें हैं:

  • नियमितीकरण: रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति।
  • वेतन समानता: नियमित कर्मचारियों के समकक्ष वेतन और सुविधाएं।
  • संविदा नीति 2023 का पालन: पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषित नीति को लागू करना।
  • अन्य सुविधाएं: मेडिकल बीमा, पेंशन, और अनुकंपा नियुक्ति।

कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संविदा नीति 2023 की सुविधाओं में कटौती की और उनके साथ वादाखिलाफी की। मुरैना में करीब 500-600 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं और अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे हैं।

अस्पताल प्रशासन की स्थिति

अस्पताल प्रशासन के पास हड़ताल से निपटने का कोई ठोस उपाय नहीं है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने नियमित कर्मचारियों से काम कराने की कोशिश की, लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण यह नाकाफी साबित हुआ। वैकल्पिक व्यवस्था के दावे हवा-हवाई बने हुए हैं।

मरीजों की परेशानी

  • गर्भवती महिलाओं की जांच, टीकाकरण, और परिवार कल्याण सेवाएं ठप हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज, जो जिला अस्पताल पर निर्भर हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
  • स्वास्थ्य शिविर और मैदानी सेवाएं भी बंद होने से हजारों मरीजों को दिक्कत हो रही है।

प्रशासन का रुख

जिला प्रशासन ने कर्मचारियों से बातचीत की कोशिश की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी। मध्य प्रदेश में करीब 32,000 NHM संविदा कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल हैं, जिससे全省 में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं।

यह हड़ताल मुरैना जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गंभीर संकट पैदा कर रही है, और तत्काल समाधान की जरूरत है ताकि मरीजों को राहत मिल सके।

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ब्यूरो चीफ - मध्यप्रदेश