MP NEWS: मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में शुक्रवार को अन्नदाता पर कुदरत का कहर टूटा। बुंदेलखंड के कई इलाकों में बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई है जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। दमोह और पन्ना जिले के गांवों में ओलावृष्टि के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। दमोह के पटेरा, कुंडलपुर और कुम्हारी के बीच सबसे ज्यादा ओले गिरे हैं। तो वहीं पन्ना जिले के शाहनगर, रैपुरा, पवई के ग्रामीण अंचल में तेज हवा, बारिश के साथ ओले गिरे हैं।
किसानों पर टूटा कुदरत का कहर

दमोह जिले के हटा में पिछले दो दिनों से अचानक मौसम में बदलाव हुआ है। शुक्रवार की दोपहर तेज गड़गड़ाहट के बाद अलग-अलग जगहों से ओलावृष्टि हुई। पटेरा, कुंडलपुर और कुम्हारी के बीच सबसे ज्यादा ओले गिरे हैं। यहां ओलावृष्टि के बाद चारों तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछी नजर आई। सड़कें ऐसी लग रही थी मानो ये बुंदेलखंड नहीं बल्कि कश्मीर है
ओलावृष्टि ने मचाया कोहराम

बुंदेलखंड के कई इलाकों में बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि
वहीं पटेरा में भी दोपहर के बाद अचानक मौसम बदला और पटेरा तहसील के कुछ गांवों में बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई। यहां आसमान से गिरे ओले किसानों पर कुदरत के कहर की तरह टूटे और उनके खेतों में खड़ी फसलें ओलों के कारण बिछ गईं। यहां भी सड़कों, मैदानों ने बर्फ की चादर नजर आई। बेमौसम बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से किसानों को काफी नुकसान हुआ है और अब अन्नदाता सरकार से मदद की आस लगा रहा है।

दमोह जिले के पटेरा और कुंडलपुर में बिछी ओलों की सफेद चादर…।
अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी। लगभग एक घंटे तक हुई तेज बारिश के साथ दस मिनट तक ओले गिरे, जिससे खड़ी और कटी फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों के अनुसार, 95 प्रतिशत चना फसल और 80 प्रतिशत गेहूं फसल खेतों में आ चुकी है। ओलावृष्टि का चना और गेहूं की फसल पर सीधा असर पड़ा है।