जबलपुर -मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) से कड़े शब्दों में जवाब तलब किया है. न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में भोपाल पुलिस महानिदेशक, जबलपुर पुलिस अधीक्षक, बेलखेड़ा थाना प्रभारी और जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. प्रकरण की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.
जानिए क्या है पूरा मामला?
याचिकाकर्ता सौरभ नाटी शर्मा ने दलील दी कि बीते दिनों बेलखेड़ा थानांतर्गत मासूम बच्ची से उसी के शिक्षक ने दुष्कर्म किया था. कानूनी नियम के अनुसार, दुष्कर्म पीड़िता की पहचान छिपाई जाती है. लेकिन, जिला शिक्षा अधिकारी-जबलपुर ने नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर कर दी थी.

ये है मामले में प्रावधान
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 72(1), पॉक्सो एक्ट की धारा 33(7) और किशोर न्याय एक्ट 2015 की धारा 74 के तहत किसी भी दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जा सकती है. याचिका में मांग की गई कि बेलखेड़ा थाने के टीआई और डीईओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. यह मांग भी की गई कि डीजीपी को यह निर्देश दिए जाएं कि उक्त अधिनियम के संबंध में प्रदेश भर में एक गाइडलाइन जारी की जाए
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 72(1), पॉक्सो एक्ट की धारा 33(7) और किशोर न्याय एक्ट 2015 की धारा 74 के तहत किसी भी दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जा सकती है. याचिका में मांग की गई कि बेलखेड़ा थाने के टीआई और डीईओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. यह मांग भी की गई कि डीजीपी को यह निर्देश दिए जाएं कि उक्त अधिनियम के संबंध में प्रदेश भर में एक गाइडलाइन जारी की जाए
पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में डीईओ से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में आरोपित शिक्षक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया. सरकारी कर्मचारी होने के कारण बेलखेडा थाना प्रभारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा था. पत्र में थाना प्रभारी ने दुष्मकर्म पीडिता का नाम उजागर कर दिया. जिला शिक्षा अधिकारी-जबलपुर घनश्याम सोनी ने आरोपित शिक्षक को निलंबित कर दिया. निलंबन आदेश में जिला शिक्षा अधिकारी ने नाबालिग दुष्मर्म पीडिता के नाम का उल्लेख कर दिया.