प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में 29 जनवरी को हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए योगी सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। यह टीम गुरुवार से ही जांच में जुट गई है और शुक्रवार 31 जनवरी को प्रयागराज पहुंचने वाली है।
प्रत्यक्षदर्शियों और सुरक्षा बलों से होगी पूछताछ
जानकारी के अनुसार, न्यायिक आयोग की टीम घटना स्थल पर मौजूद सुरक्षा बलों और चश्मदीदों से बातचीत कर भगदड़ की असली वजह जानने की कोशिश करेगी। इसके अलावा, मेला प्रशासन के अधिकारियों के साथ भी बैठक कर व्यवस्था में रही खामियों का विश्लेषण किया जाएगा।
एक महीने में रिपोर्ट पेश करेगा आयोग
योगी सरकार ने इस समिति को एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट में भगदड़ की वजहों, प्रशासनिक चूक और सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के उपाय भी सुझाए जाएंगे।
हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में बनी कमेटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। इसमें पूर्व आईपीएस वीके गुप्ता और पूर्व आईएएस डीके सिंह भी शामिल हैं।
तीन स्थानों पर मची थी भगदड़
मौनी अमावस्या पर संगम नोज, झूसी और फाफामऊ में भारी भीड़ के कारण अफरातफरी मच गई थी, जिसमें 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। घटना के बाद प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं, जिसे लेकर सरकार सख्त रुख अपना रही है।
लखनऊ में हुई समीक्षा बैठक
गुरुवार रात को लखनऊ में न्यायिक आयोग की टीम ने समीक्षा बैठक की और प्रेस वार्ता के जरिए जांच प्रक्रिया की रूपरेखा साझा की। अब प्रयागराज पहुंचकर समिति मौके का मुआयना करेगी और चश्मदीदों के बयान दर्ज करेगी।
सरकार की सख्ती, दोषियों पर हो सकती है कार्रवाई
इस त्रासदी के बाद प्रदेश सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जा सकती है।