भालू के हमले में दृष्टिहीन हुए बाल बच्चन सिंह को मिला मुआवजा, तीन दशक बाद पूरी हुई उम्मीद
रायपुर | छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशीलता और त्वरित हस्तक्षेप से 32 साल पुराने एक मामले में न्याय मिला। भालू के हमले में दृष्टिहीन हुए केंदपानी गांव के बाल बच्चन सिंह को आखिरकार मुआवजा राशि प्राप्त हुई। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय ने रविवार को बगिया में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें दो लाख रुपये का चेक सौंपा।
32 साल पहले भालू के हमले में गंवाई थी आंखें
बाल बच्चन सिंह, केंदपानी गांव के निवासी हैं। 1992 में, जब वह सुबह शौच के लिए जंगल गए थे, तब एक जंगली भालू ने उन पर हमला कर दिया था। इस भयावह हमले में भालू ने उनकी दोनों आंखें निकाल दी थीं, जिससे वह पूरी तरह दृष्टिहीन हो गए।
वन विभाग ने मुआवजे का वादा किया था, लेकिन यह वादा तीन दशकों तक अधूरा रहा। बाल बच्चन सिंह ने वर्षों तक सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
मुख्यमंत्री की पहल से मिला न्याय
25 सितंबर 2024 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह निवास बगिया में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में पीड़ित ने अपनी व्यथा सुनाई। मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग को तत्काल मुआवजा जारी करने के निर्देश दिए।
मुआवजा पाकर भावुक हुए बाल बच्चन सिंह
तीन दशक बाद मुआवजा राशि मिलने पर बाल बच्चन सिंह भावुक हो गए और मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा—
“इस राशि से मैं अपनी बेटियों की शिक्षा पूरी करूंगा और उनके विवाह में इसका उपयोग करूंगा। वर्षों से जो उम्मीद धुंधली पड़ गई थी, उसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूरा कर दिया।”
संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई की मिसाल
मुख्यमंत्री की इस पहल ने न केवल बाल बच्चन सिंह को न्याय दिलाया, बल्कि यह भी दर्शाया कि सरकार जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील और जवाबदेह है। यह मामला उन पीड़ितों के लिए उम्मीद की किरण है, जो वर्षों से न्याय और सहायता के इंतजार में हैं।