रायपुर। राजधानी रायपुर के मोवा ओवरब्रिज की हाल ही में मरम्मत की गई थी, लेकिन नई बनी सड़क महज 24 घंटे भी नहीं टिक पाई। आवागमन शुरू होते ही डामर की परत उखड़ने लगी और सड़क पर दरारें आ गईं। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा किए गए इस कार्य की गुणवत्ता पर अब सवाल उठने लगे हैं।
मरम्मत के बावजूद फिर जर्जर हुआ ओवरब्रिज
मोवा ओवरब्रिज, जो पंडरी से मोवा को जोड़ता है, कई जगहों से जर्जर हो गया था। क्रैश बैरियर भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त था। सरकार की अनुमति के बाद लोक निर्माण विभाग ने इसकी मरम्मत के लिए पुराने डामर और गिट्टी को हटाकर नई परत बिछाने का कार्य किया। इसके लिए 3 जनवरी से 8 जनवरी तक पुल को यातायात के लिए बंद रखा गया था। हालांकि, मरम्मत के बाद सड़क की हालत पहले जैसी ही खराब हो गई, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
भारी अनियमितताओं का आरोप
सूत्रों के मुताबिक, मोवा ओवरब्रिज के मरम्मत कार्य में भारी अनियमितता बरती गई। इसमें घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जिससे सड़क इतनी जल्दी खराब हो गई। बताया जा रहा है कि डामर की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं थी, और इसे चिपकाने के लिए निर्धारित तापमान का पालन नहीं किया गया। इसके अलावा, निर्माण सामग्री में भी हेरफेर किए जाने की आशंका जताई जा रही है।
लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
स्थानीय लोगों और वाहन चालकों का कहना है कि मरम्मत कार्य में लापरवाही बरती गई, जिसके चलते करदाताओं का पैसा बर्बाद हुआ। अब लोगों की मांग है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
प्रशासन कब लेगा संज्ञान?
मोवा ओवरब्रिज की मरम्मत में हुई गड़बड़ियों को लेकर जनाक्रोश बढ़ रहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच कराएगा या फिर यह भ्रष्टाचार का एक और मामला बनकर रह जाएगा।