नववर्ष की खुशियां प्रकृति के संग: झरनों, पहाड़ियों और हरी वादियों में उमड़ा सैलानियों का सैलाब

राजेन्द्र देवांगन
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नववर्ष के मौके पर बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में सैलानियों की भारी भीड़, दर्शनीय स्थलों की ओर आकर्षित

बलरामपुर-रामानुजगंज जिला इस नए साल के दौरान पर्यटकों का पसंदीदा स्थल बन गया है। झरनों, पहाड़ियों और हरी वादियों के लिए प्रसिद्ध यह जिला, नए साल की छुट्टियों में सैलानियों से भर गया है। यहां के प्रमुख पर्यटक स्थल जैसे पवई वाटरफॉल, गौरलाटा, तातापानी और पलटन घाट, दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं।

पवई वाटरफॉल: चनान नदी पर स्थित पवई वाटरफॉल, अपनी ऊंचाई से गिरते पानी और चारों ओर के हरे-भरे जंगलों के बीच एक बेहतरीन दृश्य प्रस्तुत करता है। यह जगह पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है, जहां लोग नए साल की शुरुआत को और भी यादगार बनाने के लिए पहुंच रहे हैं।

गौरलाटा: छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी, गौरलाटा, बलरामपुर जिले के कुसमी विकासखंड में स्थित है। यह चोटी 1,225 मीटर ऊंची है, और यहां से छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित वन क्षेत्रों का अद्भुत दृश्य दिखता है। पर्वतारोहियों और ट्रैकिंग के शौकिनों के लिए यह एक आदर्श स्थान है।

तातापानी: बलरामपुर जिले में स्थित तातापानी, एक प्रसिद्ध गर्म जल कुंड स्थल है। यहां से निकलने वाला गर्म पानी और प्राचीन शिव मंदिर, पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करते हैं। तातापानी में 14 जनवरी को एक भव्य मेला भी आयोजित होता है, जो पर्यटकों को और भी आकर्षित करता है। इसके अलावा, यहां प्रशासन ने भगवान शिव की विशाल प्रतिमा भी स्थापित की है।

पलटन घाट: कन्हर नदी के बीच स्थित पलटन घाट, अपनी सफेद और काले रंग की चट्टानों के लिए मशहूर है। घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा यह स्थान पर्यटकों को आकर्षित करता है और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य निहारने के लिए पर्यटक पूरे साल यहां आते हैं।

बलरामपुर जिला, छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित है, जो इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाता है। यहां नए साल के मौके पर पर्यटकों की बढ़ती संख्या दर्शाती है कि यह जिला हर किसी के दिल में अपनी जगह बना चुका है।

यहां के होटलों और टूरिस्ट स्पॉट्स पर नए साल के जश्न के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं, जिससे यह स्थल आने वाले समय में और भी अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा।

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