साय कैबिनेट की बैठक में फैसला: छत्तीसगढ़ में 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं अब 10वीं के पैटर्न पर आयोजित होंगी; शिक्षा विभाग को दी गई जिम्मेदारी

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ में एक बार फिर पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षाएं 10वीं बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर आयोजित की जाएंगी। स्कूल शिक्षा विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए विष्णुदेव साय सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है।

इसी तरह कई.उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड द्वारा फ्री-होल्ड किए गए आवासीय भूखण्डों को डायवर्सन शुल्क तथा जुर्माने से छूट दी गई है। इसी तरह हाउसिंग बोर्ड को भी जमीनों को आवासीय में बदलने के लिए डायवर्सन शुल्क प्रीमियम, जुर्माना एवं भू-राजस्व के पुनः निर्धारण से छूट देने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि पीडीएस में बांटे जाने वाले चने के लिए नान को इसकी खरीदी ई-ऑक्शन से करने की अनुमति दी गई है।

5वीं-8वीं के केंद्रीयकृत होने का मतलब अब पूरे प्रदेश में यह परीक्षा एक समय-सारणी के साथ आयोजित की जाएगी। एक जैसा पेपर होगा। अभी तक यह परीक्षा कभी जिला स्तर पर तो कभी स्कूल स्तर पर होती थी। पेपर भी जिला व स्कूल स्तर पर तैयार होते थे।

इससे एकरूपता नहीं थी। केंद्रीकृत परीक्षा से बच्चों का सही आकलन हो सकेगा।सियासी आंदोलनों से जुड़े 54 कोर्ट केस वापस होंगे राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े 54 प्रकरणों को न्यायालय से वापस लेने के लिए कार्रवाई किए जाने का अनुमोदन किया गया है।मक्का तथा प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान में दलहन-तिलहन और रबी फसल के चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी के लिए नेफेड एवं एनसी सीएफ को प्रोक्योरमेंट एजेंसी बनाया जाएगा।किसानों को उन्नत किस्म की बीजों की उपलब्धता के लिए केंद्र द्वारा इम्पैनल्ड सेंट्रल नोडल सीड एजेंसी से सीधे बीज खरीद सकेंगे।

इसके लिए बीज निगम को छूट दी गई है।हरित ऊर्जा शुल्क में प्रत्येक पांच साल के बाद 25 प्रतिशत की वृद्धि का भी प्रावधान था, इसे भी समाप्त कर दिया गया है। इससे राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं एवं ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

हुड़को पांच साल में देगा एक लाख करोड़ की मदद छत्तीसगढ़ में हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कार्पाेरेशन लिमिटेड (हुडको) से आवास, नगरीय विकास एवं अन्य क्षेत्रों में सहायता प्राप्त करने हेतु एमओयू के प्रारूप को मंजूरी दी गई है। हुडको द्वारा छत्तीसगढ़ को आगामी 5 साल में एक लाख करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता, परामर्श, क्षमता विकास सेवाएं प्रदान करने का प्रस्ताव दिया गया है।

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