दिवंगत पूर्व विधायक की विधवा को नहीं दी पेंशन: पेंशन नियम की संवैधानिकता को हाईकोर्ट में दी चुनौती

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर -दिवंगत पूर्व विधायक की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर के पेंशन देने की मांग की है।छत्तीसगढ़ के एक पूर्व व दिवंगत विधायक की विधवा पत्नी को राज्य शासन ने पेंशन देने से इंकार कर दिया है। जिस पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पेंशन नियम की संवैधानिकता को चुनौती दी है।

हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य शासन और विधानसभा के सचिव को नोट.दरअसल, मिश्रीलाल खत्री संजारी बालोद विधानसभा के विधायक रहे हैं। यह विधानसभा परिसीमन के बाद अब वर्तमान में विलोपित हो गया है। साल 1996 में उनका निधन हो गया।

जिसके बाद राज्य शासन ने नियमों का हवाला देकर पूर्व विधायक पेंशन को बंद कर दिया।पत्नी ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका, नियम के संवैधानिकता को दी चुनौतीदिवंगत पूर्व विधायक मिश्रीलाल खत्री की पत्नी पुष्पा देवी खत्री ने अपने एडवोकेट के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने अपने पति के निधन के बाद पेंशन देने की मांग की है।

याचिकाकर्ता ने पेंशन के लिए तय किए गए छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन तथा पेंशन नियम के नियम 3 घ की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है।हाईकोर्ट ने राज्य शासन और विधानसभा सचिव से मांगा जवाबयाचिकाकर्ता की तरफ से उनके वकील ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन तथा पेंशन अधिनियम 1972 की धारा 6 ख के अनुसार पूर्व विधायक की मृत्यु दिनांक से पूर्व विधायक के कुटुंब सदस्य पेंशन प्राप्त करने के लिए पात्र रहेंगे।

नियम 3 घ मूल अधिनियम छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन तथा पेंशन अधिनियम 1972 के धारा 6 ख के सर्वथा विपरीत है और मूल अधिनियम के प्रावधान का स्पष्ट उल्लंघन करती है। याचिका में बताया गया कि कार्यपालिका द्वारा बनाया गया कोई भी नियम मूल अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन नहीं कर सकती। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन और विधानसभा के सचिव नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।अविभाजित मध्यप्रदेश के समय रहे विधायक मिश्रीलाल खत्री ने साल 1977 में विधानसभा चुनाव लड़ा था। तब वो चुनाव जीत कर विधायक बने थे। विधायक खत्री अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में 1977 से लेकर 1979 तक विधायक थे। जिसके बाद उन्हें पेंशन मिल रहा था। वर्ष 1996 में उनका निधन हो गया।विधानसभा सचिव ने इन नियमों का दिया हवाला याचिकाकर्ता के अनुसार दिवंगत पूर्व विधायक की पत्नी ने कुटुंब पेंशन के लिए राज्य शासन व सचिव छत्तीसगढ़ विधानसभा के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था। इसे खारिज कर दिया। सचिव ने लिखा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन तथा पेंशन नियम 2006 के नियम 3 घ के अनुसार कुटुंब पेंशन केवल उन प्रकरणों में प्रदान की जा सकेगी जिसमें पूर्व विधानसभा सदस्य की मृत्यु 2005 के बाद हुई हो। वर्तमान प्रकरण में पूर्व विधायक मिस्री लाल खत्री की मृत्यु 1996 में हो चुकी है, लिहाजा पेंशन नहीं दी जाएगी।

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