रायपुर-छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में सोमवार को आयोग के रायपुर कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित विभिन्न मामलों पर 285वीं जनसुनवाई आयोजित की गई। रायपुर जिले की यह 136वीं सुनवाई थी। इस दौरान आयोग ने कई अहम निर्णय लिए, जिनमें दशकों से चले आ रहे सामाजिक बहिष्कार को समाप्त करने और कार्यस्थल पर अश्लीलता के मामलों पर सख्त रुख अपनाने के निर्देश दिए गए।
दशकों बाद सामाजिक बहिष्कार समाप्त
एक प्रमुख मामले में, आयोग के हस्तक्षेप से आवेदिकागणों को समाज में पुनः सम्मिलित किया गया। सुनवाई के दौरान अनावेदकगणों ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर यह बताया कि उन्होंने आवेदिकागणों का कोई सामाजिक बहिष्कार नहीं किया है। साथ ही अन्य उपस्थित सदस्यों ने भी सामूहिक रूप से आयोग के समक्ष पुष्टि की कि आवेदिकागणों के खिलाफ भविष्य में भी कोई सामाजिक बहिष्कार नहीं होगा। आयोग ने अनावेदकगणों को समझाइश दी कि भविष्य में समाज की बैठकों में ऐसा कोई विधान पारित न करें, जिससे महिलाओं का बहिष्कार हो। इस समझाईश के बाद प्रकरण को नस्तीबद्ध कर दिया गया।
अश्लील मैसेज मामले पर आयोग का सख्त रुख
एक अन्य मामले में, आवेदिका ने शिकायत की कि उसे अनावेदक द्वारा मोबाइल पर अश्लील मैसेज भेजे गए थे, जो अब भी आवेदिका के फोन पर सुरक्षित हैं। आवेदिका ने इस बारे में अपने विभागीय अधिकारियों को सूचना दी थी, लेकिन सही जांच प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। साथ ही, अनावेदक कार्यालय में अश्लील चित्र और फूहड़ गाने चलाकर आवेदिका का अपमान करते थे।
आयोग ने अनावेदकगणों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न 2013 कानून का पालन नहीं किया गया है। आयोग ने निर्देश दिया कि एक महीने के भीतर आंतरिक जांच समिति की बैठक कर पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाए और रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत की जाए।
संभावित हत्या के मामले में एफआईआर के निर्देश
सुनवाई के दौरान एक और गंभीर मामला सामने आया, जिसमें आवेदिका ने अपनी मां की गुमशुदगी की आशंका जताई। आवेदिका का आरोप था कि उसकी मां को आखिरी बार रजिस्ट्रार कार्यालय में देखा गया था, जिसके बाद से उसका कोई पता नहीं चला। आवेदिका के पुत्र ने संदेह जताया कि अनावेदक द्वारा उसकी मां की हत्या कर दी गई है। आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की जनसुनवाई में महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई की गई है। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने स्पष्ट किया कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए आयोग सख्त कदम उठाता रहेगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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