जांजगीर।प्रधान आरक्षक की पत्नी माधुरी श्रीवास का कहना है कि उनके सूने मकान में चोरों ने एक दिसंबर की रात दीवार फांदकर धावा बोला और दरवाजे का ताला तोड़कर अंदर आलमारी में रखे एक लाख 13 हजार स्र्पये नगद, सोने व चांदी के जेवरों सहित लगभग साढ़े तीन से 4 लाख स्र्पये का सामान पार कर दिया। हालांकि वारदात के कुछ घंटों बाद पुलिस ने चोरों के कब्जे से दो एलइडी टीवी सहित इलेक्ट्रानिक व चांदी के जेवर सहित 1 लाख 15 हजार स्र्पये का सामान जब्त करने का दावा किया है।
बकि प्रार्थी की अलामारी में रखे एक लाख 13 हजार में से मात्र 1500 स्र्पये को ही जब्त किया गया। साथ ही सोने के जेवरों की जब्ती नहीं कर सकी। साथ ही उन्होंने विवेचना अधिकारी पर भी लापरवाही बरतने व विवेचना की औपचारिकता निभाने का आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि वारदात के बाद पुलिस एपुआईआर के पूर्व केवल एक बार चोरों को निशानदेही कराने पहुंची थी, जिसके बाद पुलिस कर्मचारी वापस नहीं लौटे। यहां चोरों के चप्पल व दरवाजे का टूटा ताला घर पर पड़ रहा।
इसकी जब्ती भी नहीं बनाई गई। हालांकि केवल दूसरे दिन मोहल्लेवासियों को केवल गवाही के लिए बुलाकर विवेचना की औपचारिकता निभा दी गई। इस संबंध मंे उनके पड़ोसी अमृत लाल राठौर व कपिल नाथ टंडन का कहना है कि वारदात के बाद पुलिए केवल चोरों को साथ लेकर 2 दिसंबर को दोपहर लगभग 11-12 बजे पहुंची थी, इसके बाद पुलिस दोबारा नहीं पहुंची। हालांकि दूसरे दिन उन्हें थाना बुलाया गया था और यहां उनसे कागजों में हस्ताक्षर कराकर विवेचना की औपचारिकता निभा दी गई।
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