बिहार में लगातार गिर रहे पुल, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, याचिका में यह बड़ी मांग..!
- बिहार में पुल ढहने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। बिहार में पिछले कई दिनों से पुल ढहने के कई मामले सामने आए हैं। पुलों के गिरने के मामले को लेकर जहां राज्य की नीतीश सरकार निशाने पर है वहीं केंद्र की डबल इंजन की सरकार पर भी प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं। अब इस पुल गिरने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। कोर्ट में पहुंचे इस मामले में याचिका कर्ता ने अदालत से मांग की है कि हाल के वर्षों में छोटे-बड़े पुलों के हुए निर्माण के स्ट्रक्चर को पूरी तरह से ऑडिट कराया जाए।
- याचिकाकर्ता के अनुसार पिछले दो सालों में दो बड़े पुल और कई निर्माणाधीन एक छोटे पुल के गिरने की घटना सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका में कहा गया है पिछले दो सालों में राज्य के 12 पुल गिरे हैं। चूंकि बिहार बाढ़ प्रभावित राज्य है। जहां 68000 वर्ग किलोमीटर यानी 73.6 फीसद भूभाग बाढ़ की ही चपेट में रहता है।
- इसके साथ ही याचिका कर्ता बृजेश सिंह ने याचिका में कहा है कि बिहार में सुरक्षा के लिए समिति जैसे स्थायी निकाय बनाया जाए। पिछले दो सालों में दो बड़े जबकि कई छोटी घटनाएं सामने आती रहती हैं। बृजेश सिंह ने इस घटना को लेकर कहा कि इस तरह की घटनाएं मानव द्वारा तैयार की जा रही है। जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके वजह से बहुत से लोग घायल हो गए हैं। इस तरह की घटनाओं में सरकार तथा ठेकेदारों की घोर लापरवाही निकलकर सामने आई है। इतना ही नहीं भष्टाचार की वजह से इस तरह घटनाएं और भी सामने आने आ सकती हैं।
- याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि बिहार में चल रहे इस पुल निर्माण कार्य के लिए संबधित उच्च स्तरीय विशेषज्ञों को शामिल कराया जाए। जो बिहार में सभी मौजूदा और निर्माणाधीन पुलों की निरंतर देखरेख कर सकें। इसके साथ ही सभी पुलों की स्थिति का व्यापक डेटाबेस तैयार कर सकें।
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